दीवाली...जो हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है. कहते हैं जगमग रोशनी का प्रतीक यह त्यौहार जीवन को न केवल हर्षोल्लास से भर देते है बल्कि यह सुख-समृद्धि व खुशहाली भी लेकर आता है. दीवाली पर लक्ष्मी - गणेश की पूजा का विधान है. लेकिन ज़रुरी है कि यह पूजा पूरी विधि विधान से सही तरीके से की जाए. तभी माता लक्ष्मी व भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. हम आपको दीवाली पूजन का सही तरीका बताने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले जान लें दीवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त(Diwali Puja Shubh Muhurt)
इस बार दीवाली 14 नवंबर को है. लेकिन 14 नवंबर यानि कि शनिवार को अमावस्या तिथि दोपहर से लगेगी. दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से अमावस्या आरंभ होगी और 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. लक्ष्मी पूजा 14 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक की जा सकती है. यानि दीवाली पूजन का शुभ मुहूर्त यही है. 1 घंटे 56 मिनट के इस शुभ मुहूर्त में अगर विधि विधान से लक्ष्मी - गणेश की पूजा संपन्न की जाए तो अति शुभ फल प्राप्त होता है.
दीवाली पूजन का सही तरीका(Diwali Puja Vidhi)
दीवाली पर लक्ष्मी पूजन का सही तरीका आपको बताए उससे पहले सामग्री(diwali puja samagri list) जान लें.
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लक्ष्मी जी के लिए वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला, कमल का फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, कुशा, खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत यानि धागा, रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ.
लक्ष्मी - गणेश पूजन(Diwali 2020 Puja Vidhi)
पूजा के लिए सबसे पहले लक्ष्मी -गणेश के लिए आसन तैयार किया जाता है. इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करें. फिर इस चौकी पर गंगाजल छिड़ककर इसे पवित्र करें. इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बने पंचामृत से प्रतिमाओं को स्नान कराना चाहिए. बाद में पवित्र जल से प्रतिमाओं को साफ कर मां को कमल के फूल पर आसीन करवाएं. मां लक्ष्मी को वस्त्र दें, सिंदूर चढ़ाएं, अक्षत चढ़ाएं, चंदन चढ़ाएं, पुष्प अर्पित करें. अब मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक प्रजवल्लित करें और धूप नैवेद्य देकर मिठाई का भोग लगाएं. हाथ जोड़कर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश से प्रार्थना करें और मनोकामना मांगे. अंत में मां लक्ष्मी की आरती ज़रुर करें.