Diwali 2021 Date Auspicious Yoga: हिंदू धर्म में दिवाली का खास महत्व है. यह हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है. ज्योतिष्यों के अनुसार इस बार की दिवाली बहुत खास है, क्योंकि इस दिवाली पर चार बड़े ग्रह एक ही राशि तुला में विराजमान होकर एक विशिष्ट युति का निर्माण करेंगे. इस युति में दिवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा करना अति विशिष्ट शुभफलदायी होगा.


क्या हैं ज्योतिषीय समीकरण?


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली 2021 के दिन चार बड़े ग्रह सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगे. तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इसलिए शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. क्योंकि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम और बढ़ जाते हैं. ऐसे में दिवाली का पर्व, लक्ष्मी जी पूजा, शुक्र की राशि तुला में चार ग्रहों की युति यह एक बेहद शुभ संयोग है. ऐसे में अच्छी जिंदगी और सुख-सुविधाओं के कारक ग्रह शुक्र, ग्रहों के राजा सूर्य, ग्रहों के सेनापति मंगल, ग्रहों के राजकुमार बुध मन का कारक चंद्रमा का एक साथ एक ही राशि तुला राशि में होना, सभी लोगों के लिए बहुत ही शुभ परिणाम देने वाले हैं.


दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2021 shubh muhurat)


दिवाली के दिन अर्थात 4 नवंबर, गुरुवार को अमावस्या की तिथि सुबह 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होगी और 5 नवंबर को सुबह 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में दिवाली को मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक है.  


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