Diwali Puja Calendar: दिवाली की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं. लक्ष्मी जी के स्वागत के लिए घरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं. घरों को सजाया जा रहा है. साफ सफाई की जा रही है. हिंदू धर्म कार्तिक मास का विशेष महत्व है. इसी माह में दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस बार दिवाली और पंचपर्वों की डेट को लेकर कुछ कन्फ्यूजन या संशय की स्थिति देखी जा रही है. इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए पंडित सुरेश श्रीमाली से आइए जानते हैं कि आखिर दिवाली की सही डेट क्या है?


पंडित सुरेश श्रीमाली के अनुसार दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा और अन्नकूट, इसके अगले दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाता है. यही क्रम बरसों से चलता आ रहा है. हिंदू धर्म के सभी व्रत और त्योहार वैदिक पंचाग के अनुसार ही तय होते हैं. इस बार सौर मण्डल में ग्रहों का भ्रमण और चाल ऐसी बनी है कि दिवाली एक दिन पहले और गोवर्धन पूजा भी दिवाली के एक दिन बाद की जाएगी. ऐसा इसलिए कि तिथियों का संयोग और  उस पर सूर्य ग्रहण के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है. 
 
पंडित सुरेश श्रीमाली के अनुसार पहले रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी का पर्व मनाएं. जो 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी.इस दिन यमराज के लिए दीपदान किया जाता है. श्रीकृष्ण ने इस दिन नरकासुन का वध कर सोलह हजार कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त करवाया था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर तेल व उबटन लगाने के बाद स्नान करना चाहिए. फिर विष्णु भगवान की पूजा अर्चना और शाम को यमराज के लिए दीपदान. कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद तेल से स्नान किया था. इसी कारण यह परंपरा चली आ रही है और माना जाता है कि ऐसा करने से स्वर्ग व रूप की प्राप्ति होती है, नरक नहीं जाना पडता. इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-



  • सुबह 9 बजकर 33 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट.

  • 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक.

  • दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से 5 बजकर 58 मिनट तक.

  • लाभ अमृत के चैघडिया में पूजा-अर्चना करें. 


इसके बाद आप यमराज के निमित्त प्रतीकात्मक 11 या 21 दीपक सजाएं. दीपक आपको सायं छह बजे तक जलाने हैं. 


दिवाली 2022 (Diwali 2022 Laxmi Puja)
अमावस की निशा रात्रि में दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. 24 अक्टूबर 2022 की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर अमावस्या प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन यानी 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी.  


24 अक्टूबर को रात्रि में जब माँ महालक्ष्मी का पूजन करेंगे तो अमावस्या की रात्रि में ही करेंगे. इस दिन शाम 7 बजकर 14 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 11 मिनट तक वृषभ लग्न रहेगा और इसके बाद अर्धरात्रि 1 बजकर 42 मिनट से 3 बजकर 47 मिनट तक सर्वश्रेष्ठ सिंह लग्न रहेगा, इस समय पूजन करें. जिससे महालक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव स्थिर रूप से बनी रहेगी. वहीं इस दिन मालव्य योग, सुनफा योग, वाशी योग, हंस योग, भद्र योग, शश योग रहेगा.  


शुभ मुहूर्त (Diwali 2022 Shubh Muhurat)
इसके अलावा इस दिन -



  • अमृत वेला-सुबह 6 बजकर 45 मिनट से सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक, शुभ वेला-सुबह 9 बजकर 33 मिनट से सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक.  

  • अभिजीत मुहूर्त-सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक. 

  • चंचल वेला-दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक. 

  • लाभ-अमृत वेला-दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से शाम 5 बजकर 58 मिनट तक है.


इस विशेष दिन और शुभ मुहूर्त में आप खरीददारी या कोई भी शुभ कार्य कर सकते है. ये दिन मांगलिक कार्यों को करने के लिए भी उत्तम है.


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