Diwali 2022 Lakshmi Pujan Muhurat at 6.53 PM: आज 24 अक्टूबर दिन सोमवार को दिवाली का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस दिन प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और गणेश जी के साथ कुबेर जी की पूजा की जाती है. मां लक्ष्मी की पूजा के शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इस प्रकार मां लक्ष्मी की पूजा के लिए केवल 1 घंटा 23 मिनट की अवधि प्राप्त हो रही है. पंचांग के अनुसार, आज 24 अक्टूबर दिवाली को प्रदोष काल - 05:43 PM से 08:16 PM तक और वृषभ काल- 06:53 PM से 08:48 PM तक रहेगा.


करें ये आरती, सुख -समृद्धि से भर जाएगा घर


दिवाली के दिन शुभ मुहर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है तथा दिवाली पर अपने घरों में श्रीयंत्र की स्थापना भी की जाती है. पूजा के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की ये आरती जरूर करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है और घर धन दौलत से भर जाता है. गणेश भगवान की कृपा से घर परिवार के सारे कष्ट, दुःख दर्द दूर हो जाते हैं. आइये जानें ये आरती:


मां लक्ष्मी जी की आरती


ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।


तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥


 


उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता।


सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता।


जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता।


कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता।


सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता।


खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता।


रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…


 


महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।


उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता॥


 


ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।


ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।


 


भगवान श्री गणेश जी की आरती


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।। जय गणेश जय गणेश…


 


एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।


माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।। जय गणेश जय गणेश…


 


पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।


लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।। जय गणेश जय गणेश…


 


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।। जय गणेश जय गणेश…


 


अंधे को आंख देत कोढिन को काया।


बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।। जय गणेश जय गणेश…


 


‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।


माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।। जय गणेश जय गणेश…


 


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।


माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।। जय गणेश जय गणेश…


 


यह भी पढ़ें 



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.