Diwali 2024: दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya) के दिन मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म (Hindu Dharm) का खास पर्व है, जिसे युगों-युगों से मनाया जाता है. दीवाली दीप, प्रकाश और खुशियों का त्योहार है. लेकिन यह जान लेना चाहिए कि किन परिस्थितियों में आपको दिवाली का पर्व नहीं मनाना चाहिए.


कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या परिवार में मृत्यु होने के बाद दिवाली का पर्व मनाया जा सकता है या नहीं. तो आपको बता दें कि हमारे धर्म शास्त्रों में जन्म से लेकर मृत्यु तक के नियम बताए गए हैं और विभिन्न परिस्थिति के अनुसार में हमें इन्हीं नियमों का पालन करना चाहिए. इन नियमों का पालन करने से घर-परिवार समस्याओं से मुक्त रहता है. 


परिवार में मृत्यु हो तो क्या दिवाली मना सकते हैं? 


धार्मिक दृष्टिकोण से दिवाली के दिन परिवार में मृत्यु हो जाए तो उस दिन त्योहार नहीं मनाया जाता है. क्योंकि इस समय पूजा-पाठ जैसे काम वर्जित होते हैं. क्योंकि इस दौरान सूतक की अवधि होती है जोकि 10 दिन से लेकर एक महीने की होती है. सूतक का पालन करते हुए परिवार को त्योहार नहीं मनाना चाहिए और मृतक की आत्मा की शांति के लिए परिवार को एक साथ प्रार्थना करनी चाहिए.


वहीं दिवाली के दिन मृत्यु होने पर कई परिवार सालों तक इस त्योहार को नहीं मनाते हैं. क्योंकि मान्यता है कि अगर किसी पर्व में घर के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाए तो उस त्योहार को खोटा माना जाता है.


आम मान्यता के अनुसार जिस दिन या जिस साल दिवाली पर परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हुई तो उन्हें दिवाली नहीं मनानी चाहिए. लेकिन कहा जाता है कि उसी दिन अगर परिवार में किसी नवजात का जन्म हो जाए या नववधू का आगमन हो तो फिर से त्योहार मनाया जा सकता है.


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