Diwali Puja Muhurat 2024: दिवाली आज, यहां देखें पूजा का शुभ मुहूर्त, योग और पूजन विधि
Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024: हिंदू धर्म में दिवाली पर्व को बहुत खास माना जाता है. इस दिन लक्ष्मी जी और गणेश जी की आराधना की जाती है. साल 2024 में दिवाली की तिथि को लेकर लोगों में संशय हैं.
Diwali 2024: दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. साल 2024 में दिवाली की तिथि दो दिन पड़ रही है, इसीलिए लोगों को इस को लेकर संशय है की दिवाली किस दिन मनाएं.
कार्तिक अमावस्या 2024 डेट (Kartik Amavasya 2024 Date)
कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ: गुरुवार 31 अक्टूबर 2024, दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: शुक्रवार 01 नवंबर 2024, शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगी.
इस लिहाज से दिवाली दो दिन मनाई जाएगी. लेकिन इस बात का विशेष ख्याल रखें जो लोग दिवाली 1 नवंबर के दिन मना रहे हैं वो लोग शाम 6.16 मिनट से पहले दिवाली का पूजन कर लें.
दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (Lakshmi Puja 2024 Time)
- प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त:- 31 अक्टूबर 2024, शाम 05:35 मिनट से रात 08:11 मिनट तक.
- वृषभ काल पूजा मुहूर्त:- 31 अक्टूबर 2024, शाम 06:21 मिनट से रात 08:17 मिनट तक.
दिवाली 2024 शुभ योग (Diwali 2024 Shubh Yog)-
31 अक्टूबर, गुरुवार को दोपहर 03:53 तक चतुर्दशी तिथि फिर अमावस्या तिथि रहेगी.
इस दिन पूरे दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा.
ग्रहों से बनने वाले वाशि योग, आनन्दादि योग, सुनफा योग, बुधादित्य योग, विष्कुम्भ योग का साथ मिलेगा.
अगर आपकी राशि वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ राशि है तो शश योग का लाभ मिलेगा.
दिवाली 2024 पूजन विधि (Diwali 2024 Pujan Vidhi)-
- दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है. इस दिन पूजन का बहुत महत्व है. लेकिन अगर पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाए तो उसका पूर्ण फल प्राप्त होता है.
- दिवाली के दिन पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें, पूजा के स्थान को स्वस्थ्य करें. घर के मंदिर और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं.
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. फिर चौकी पर लक्ष्मी जी,गणेश जी की मूर्ति रखें.
- चौकी के पास जल से भरा एक कलश भी रखें.
- फिर भगवान की मूर्तियों पर तिलक लगाएं और घी का दीपक जलाएं.
- फिर भगवान को जल, मौली, गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और साथ में महालक्ष्मी की स्तुति करें.
- मां लक्ष्मी के साथ ही मां सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान पूजा करें.
- महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की भी पूजा करें.
- पूजन के बाद जरुरतमंद को मिठाई और दक्षिणा दें.
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