Kartik Month 2021: कार्तिक मास में की जाने वाली पूजा सुख-समृद्धि में वृद्धि करने वाली मानी गई है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास मे कुछ विशेष नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कार्तिक मास को चातुर्मास का अंतिम मास भी माना गया है. दिवाली का पर्व भी कार्तिक मास में ही मनाया जाता है. कार्तिक मास में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है.
कार्तिक मास के प्रमुख पर्व (Kartik Month Vrat and Festival)
आने वाले दिनों में कार्तिक मास के प्रमुख पर्व इस प्रकार हैं-
- धनतेरस (Dhanteras)
- दिवाली (Diwali)
- गोवर्धन पूजा (Gowardhan Puja)
- भाई दूज (Bhaidooj)
- देवोत्थान एकादशी (Devothan Ekadashi)
कार्तिक मास में इन कार्यों को करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है
कार्तिक मास में किए जाने वाले शुभ कार्यों को विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस मास में की जाने वाली पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को विशेष कृपा प्रदान करते हैं. कार्तिक मास में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए इससे भी सौभाग्य में वृद्धि होती है.
- स्नान- कार्तिक माह में पवित्र नदी में स्नान करने को विशेष महत्व प्रदान किया गया है. कार्तिक मास में यमुना नदी की विशेष पूजा भी की जाती है. कार्तिक मास में यम द्वितीया के दिन यमुना स्नान करना विशेष शुभ माना गया है.
- तुलसी पूजा- कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर तुलसी विवाह का विधान बताया गया है. तुलसी पूजन से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
- दीपदान- मान्यता है कि कार्तिक मास में सायंकाल के समय में पवित्र नदी या तुलसी के समीप दीपदान करना चाहिए. दीपदान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है. देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- आंवला पूजन- कार्तिक मास में आवंला के वृक्ष की विशेष पूजा की जाती है. आंवला को श्रेष्ठ औषधि माना गया है. मान्यता है कि आंवला के वृक्ष को भगवान शिव और भगवान विष्णु का प्रतीक मानकर लक्ष्मी जी ने पूजा की थी.
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