Diwali 2020: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल दिवाली का पर्व आज यानीं 14 नवंबर को मनाया जा रहा है. दिवाली के पर्व पर मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ –साथ नीचे लिखे कामों को करने से मां धन की कमी को दूर करती है, जीवन में सुख शांति प्रदान करती है और घर अपार धन दौलत से भर देती हैं.


शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी जी की पूजा: मां लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त में करने अधिक लाभदायी होता है. इस साल दिवाली के दिन प्रदोषयुक्त अमावस्या तिथि एवं स्थिर लग्न और स्थिर नवांश है. इसमें लक्ष्मी पूजन करना अच्छा माना गया है. पंचांग के मुताबिक़14 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5:33 से रात 8:12 तक रहेगा. इस दिन लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 5:49 से 6:02 बजे तक रहेगा.


स्वच्छ कपड़ों को पहन कर करें पूजा: मां लक्ष्मी को स्वच्छता पसंद है. इस लिए दिवाली की पूजा स्नान करने के बाद स्वच्छ कपडे या नये कपड़े पहनकर ही करनी चाहिए. यदि पीला और श्वेत वस्त्र पहन कर पूजा की जाए तो  विशेष पुण्य प्राप्त होता है.




घर की करें सफाई: लक्ष्मी जी को स्वच्छता अधिक पसंद है. इसलिए दिवाली से पूर्व घरों, दुकानों और कारखानों की साफ-सफाई की जाती है. मान्यता है कि जहां पर साफ-सफाई होती है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है.


घर में रखें कबाड़: दिवाली के दिन घर के अंदर की सफाई करके कूड़ा आदि निकाल कर बाहर नहीं फेक देना चाहिए बल्कि कूंडादान में रखकर इसे  ऐसे स्थान पर रखें जहां पर किसी की नजर न पड़े. कूड़ादान मुख्य द्वार पर रखने से लक्ष्मी जी नाराज होती हैं. इससे उनकी कृपा नहीं होती.


पूजा स्थल और दरवाजे पर बनायें रंगोली: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं. मान्यता है कि दिवाली के दिन घर की सफाई करने और मुख्य द्वार  पर रंगोली बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. इस दिन लोग खासतौर पर घरों में स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मी जी के पदचिह्न आदि की रंगोली बनाते हैं. ये चिह्न समृद्धि और मंगलकामना के प्रतीक हैं.


 दिवाली के दिन करें किसी से विवाद: दिवाली के दिन घर पर सभी सदस्यों को आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए और मिलजुल कर ही लक्ष्मी जी की पूजा भी करनी चाहिए. इस दिन क्रोध आदि जैसी बुराईयों से दूर रहना चाहिए. किसी का अपमान भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से लक्ष्मी जी नाराज होती हैं.


लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त


स्थिरलग्न में पूजन महूर्त




  • वृषभ-सायं 5:30 से 7:30 के मध्य

  • सिंह -रात 12:00 से 2:15 के मध्य


पूजन सामग्री- दिवाली के दिन पूजन करने के लिए रोली, मौली, पान, सुपारी, खील, पंचामृत, गंगाजल, सिन्दूर, नैवेद्य, इत्र, बताशे, श्रीयंत्र, शंख , घंटी, चंदन, जलपात्र, अक्षत, धूप, घी का दीपक, तेल का दीपक, कलश, लक्ष्मी-गणेश-सरस्वतीजी का चित्र,  जनेऊ, कमल का पुष्प, वस्त्र, कुमकुम, पुष्पमाला, फल, कर्पूर, नारियल, इलायची और दूर्वा की आवश्यकता पड़ती है.