Diwali Kali Puja Muhurt 2022: हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर काली चौदस का पर्व मनाया जाता है. काली चौदस का पर्व मां देवी काली को समर्पित है. इस दिन माता काली की विशेष पूजा की जाती है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है. काली चौदस दिवाली से एक दिन पहले यानि छोटी दिवाली को आती है. काली चौदस को रूप चौदस और नरक चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है.


कब है माता काली पूजा मुहूर्त (Kali Chaudas 2022 Date)


हिंदू पंचांग के अनुसार काली चौदस पर्व कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6:03 से प्रारंभ होकर अगले दिन 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5:27 पर खत्म होगी. इसके बाद अमावस्या शुरू हो जाएगी. दिवाली में माता काली की पूजा रात्रि के समय करने की परंपरा है.  


शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)



  • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ: 23 अक्टूबर 2022, रविवार, सायं 06:03 मिनट पर

  • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर 2022, सोमवार, सायं 05:27 मिनट पर

  • वहीं नरक चतुर्दशी उदयातिथि के अनुसार दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जा रही है. काली मां की उपासना मध्य रात्रि को होती है.


काली चौदस पर माता काली पूजा का महत्व (Kali Chaudas Significance)


हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, दिवाली की रात में मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और वैशव की प्राप्ति होती है. उसी प्रकार कली चौदस की रात्रि में मां काली की आराधना करने से साधक को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. शत्रुओं पर विजय और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. धार्मिक मान्यता है कि इनकी उपासना से व्यक्ति के मनोरथ जल्द पूरे होते हैं, लेकिन गृहस्थ जीवन वालों को देवी काली की साधारण पूजा करनी चाहिए.


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