Surya Dev ke Upaye: हिंदू धर्म में रविवार के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. भविष्य पुराण में भगवान कृष्ण ने सूर्य को प्रत्यक्ष देवता कहा है. प्रतिदिन भगवान सूर्य के साक्षात दर्शन होते हैं. विज्ञान ने भी भगवान सूर्य के आरोग्यता वर्धन को स्वीकार किया है. ज्योतिष और आयुर्वेद में कुछ ऐसे उपाय बताये गए हैं. जिनको करें से अयोग्यता की प्राप्ति होती है.
- हिंदू धर्म ग्रंथों में आषाढ़ माह में रविवार के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके भगवान को अर्घ्य अर्पित करने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- आषाढ़ मास धार्मिक कृत्यों की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण है. आषाढ़ महीने में रविवार के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करके भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. यदि नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अर्घ्य देने वाला पात्र तांबे का हो. सूर्य देवता को अर्घ्य देते समय इसमें अछत और लाल फूल अवश्य डाल लें. इससे सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं.
- अर्घ्य देते समय सूर्य देव के मंत्र “ ऊं रवये नम:” का जाप करना चाहिए तथा सूर्य को प्रणाम करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे शक्ति, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
- भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के बाद धूप,दीप और नैवेद्य से सूर्य देव का पूजन करें.
- धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ माह के रविवार को तांबे का बर्तन, पीले या लाल रंग के कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंदन का दान करना चाहिए. कहा जाता है इन वस्तुओं को दान करने से कुण्डली में व्याप्त सूर्य दोष समाप्त होता है.