Pitru Paksha 2021 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. इसमें हिंदू अपने पूर्वजों एवं पितरों की आत्मा कि तृप्ति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं. इससे पितर बहुत प्रसन्न होते हैं तथा आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जिससे घर परिवार में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है.  


पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है. 16 दिनों तक चलने वाले इस पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों का स्मरण करते हैं और उनकी आत्म की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं. पितरों की आत्म तृप्ति से व्यक्तियों पर पितृ दोष नहीं लगता है. परिवार की उन्नति होती है. पितरों के आशीर्वाद से वंश में वृद्धि होती है.


पितृ पक्ष में करें ये उपाय



  • पितृ पक्ष (shradh paksha) में श्राद्ध कर्म को बहुत ही अच्छे तरीके एवं विधि-विधान से करना चाहिए. इन दिनों हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर परिवार में कभी कोई संकट नहीं आता.

  • पितृ पक्ष में प्रतिदिन नियमित रूप से पवित्र नदी में स्नान करके पितरों के नाम पर तर्पण करना चाहिए उसके बाद दान-पुण्य करना चाहिए. साथ ही गरीबों या जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री दान करनी चाहिए.

  • मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है. इसलिए पितृ पक्ष (pitru paksha) में काले तिल और चावल के श्राद्ध करने पर पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है. धार्मिक मान्यता है कि चावल से बने पिंड (pind) से पितर लंबे समय तक संतुष्ट रहते हैं.




  • पितृ पक्ष के दौरान कोओं और चीटियों को रोज खाना डालना चाहिए. मान्यता है कि हमारे पूर्वज कौवों के रूप में धरती पर आते हैं. इस दौरान केसर और चंदन का टीका लगाना चाहिए.

  • पितृ पक्ष के पहले दिन से स्नान करने के बाद पितरों को जौ, काला तिल और एक लाल फूल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करना चाहिए. इससे पितृ दोष दूर होता है.