शनिदेव मकर राशि में वर्तमान में मार्गी गति पर हैं. 23 मई 2021 से सूर्य से 120 डिग्री दूर होंगे. इस दूरी के साथ ही शनिदेव की गति वक्री हो जाएगी. यह उल्टी चाल तब तक रहेगी जब तक सूर्यदेव शनिदेव के 120 डिग्री करीब नहीं आ जाते. 11 अक्टूबर 2021 को सूर्यदेव कन्या राशि में शनिदेव के पुनः 120 अंश के करीब पहुंच जाएंगे. इससे शनिदेव पुनः मार्गी हो जाएंगे. शनिदेव की उल्टी चाल के दौरान उनकी दृष्टी और तीक्ष्ण हो जाती है. शनि की ढैया और साढ़े साती से प्रभावित लोगों का संघर्ष बढ़ जाता है. ऐसा न्यायदेवता की गति में सक्रियता से होता है. शनिदेव के प्रभाव से लोगों को शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं से गुजरना होता है.


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को आक के फूल चढ़ाएं. शनिवार को आक के फूल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इस फूल से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं. शनिवार के दिन साबुत उड़द को दान करने से भी शनिदेव के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. सरसों के तेल का दान करने से भी शनिदेव खुश होते हैं. ॐ शं शनैश्चराय नमः और ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जाप करें.


शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए भगवान शंकर पर काले तिल और कच्चा दूध प्रतिदिन चढ़ाना चाहिए. यदि शिवलिंग पीपल वृक्ष के नीचे हो तो अति उत्तम है. सुंदरकांड का पाठ श्रेष्ठ फल देता है. काले उड़द जल में प्रवाहित करें. गरीबों को दान करें. प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को भैरव साधना और मंत्रों का जाप करें. मां भगवती काली की आराधना करने से भी शनिदेव का प्रकोप शांत होता है. घर में संध्या को गुगल की धूप दें. मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ें. पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं.