देवगुरु बृहस्पति शिक्षा ज्ञान को देने वाले हैं. पीला रंग इन्हें अतिप्रिय है. माता लक्ष्मी जी पीले रंग से अत्यंत प्रसन्न होती हैं. सदैव गतिमान लक्ष्मी ऐसे स्थानों पर ज्यादा ठहरती हैं जहां ज्ञान का संचार होता है. स्वर्णिम अन्न के दानों का सम्मान होता है. घी का दीया केले के पेड़ के तले प्रत्येक गुरुवार लगाने वाले सहज ही लक्ष्मीजी की कृपा को प्राप्त होते हैं. घी स्वर्ण अन्न आदि पीली वस्तुओं सदुउपयोग सुनिश्चित करें. गुरुवार को इनका दान करें.


ज्ञानियों के प्रति आदर भाव और उनकी आज्ञापालन में लक्ष्मी का आशीष स्वतः समाहित रहता है. गुरुवार को अपनों से बड़ों का सम्मान करें. देवालयों में पीली वस्तुओं का प्रसाद चढ़ाएं.


ऋषियों की प्रिय कामधेनु अर्थात् गाय के लिए नित्यप्रति विशेषतः गुरुवार को पहली रोटी अवश्य निकालें. इन छोटे उपायों लक्ष्मी की बड़ी कृपा आप पर बरस सकती है.


यंत्र प्रयोग के कार्य जैसे बाल बनाना, अस्त्रों के प्रयोग से बचने का प्रयास करें. गुरु स्वयं यांत्रिक मशीनरी के प्रमुख ग्रह हैं. उद्यमियों को प्रति गुरुवार को मशीनों की मरम्मत पर ध्यान देना चाहिए. लक्ष्मी जी का मूल स्त्रोत उद्योग और व्यापार ही होता है. महालक्ष्मी को स्वर्ण की देवी भी माना जाता है. गुरु ग्रह से भी सोना संबंधित है। गुरुवार को सोना पहनना और दान करना अत्यंत शुभकारक है। योग्यजनों को दान करें.