हनुमान जी अजर-अमर हैं. वह अपने भक्तों पर सदैव कृपालु रहते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं. कहा जाता है कि जहां कहीं भी रामकथा होती है हनुमान जी वहां किसी न किसी रूप में जरूर मौजूद रहते हैं.


हनुमान जी की महिमा को देखते हुए तुलसीदास जी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा लिखा है. हनुमान चालीसा के रोज पाठ करने से हमारे जीवन का हर दुख दर्द दूर सकता है. हम हर संकट से बाहर निकल जाते हैं. हनुमान चालीसा में हमारी शरीर को सदा स्वस्थ रखने का भी रहस्य छुपा है आज हम यही आपको बता रहे हैं.


1-बल, बुद्धि: हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का दाता कहा जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि करता है.


2-अध्यात्मिक बल: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से हमारा अध्यात्मिक बल बढ़ता है. अध्यात्मिक बल से ही है हम जीवन की हर परेशानी से लड़ सकते हैं. अध्यात्मिक बल के सहारे ही हम शारीरिक रोगों पर भी विजय पा सकते हैं.


3-भय व तनाव से मुक्ति: हनुमान चालीसा का पाठ आपको हर तरह के भय और तनाव से मुक्ति दिलाता है. हनुमान चालीसा की इस चौपाई में कहा गया है - "सब सुख लहै तुम्हारी शरना, तुम रक्षक काहू को डरना॥"


अर्थात  जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता.


4-हर तरह के रोग से मुक्ति: रोज श्रद्दा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी रोगों से मुक्ति है. हर तरह का दर्द खत्म हो जाता है. हनुमान चालीसा में कहा गया है "नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा" अर्थात वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है.


5-संकटों का कर सकेंगे सामना: आप चाहे जीवन में शारीरिक संकट का सामना कर रहे हों या फिर पारिवारिक आर्थिक. हनुमान चालीसा का पाठ आपके में आशा की किरण जगाए रखता है.


"संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै" अर्थात हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते हैं.


6-सकारात्मक ऊर्जा: हनुमान चालीसा पढ़ने से हमारे घर, मन और शरीर से नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को दीर्घजीवी बनाती है.


7-ग्रहों के बुरे प्रभाव से मुक्ति:  ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक प्रत्येक ग्रह का शरीर पर अलग-अलग असर पड़ता है. ग्रह का जब बुरा असर पड़ता है तो उस ग्रह से संबंधित रोग होते हैं. जैसे शनि के कारण फेफड़े का सिकुड़ना, सांस लेने में तकलीफ होना, चंद्र के कारण मनसिक रोग आदि. इसी तरह सभी ग्रहों से रोग उत्पन्न होते हैं. लेकिन अगर आप नियमपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको ग्रहों के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है.
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