Safalta Ki Kunji : चाणक्य नीति बताती है कि कर्म क्षेत्र में सफलता के लिए व्यक्ति को लक्ष्य नहीं, अपनी पसंद, विश्वास और समर्पण को हथियार बनाना चाहिए. यदि आप किसी क्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता चाहते हैं तो इसके लिए कतई लक्ष्य न रखें, अपने रुझान, समर्पण और उत्सुकता को बनाए रखने से ही यकीन मानिए खुद-ब-खुद सफलता मिलनी शुरू हो जाएगी. लक्ष्य आपको तनाव, क्षमता में कमी और प्रतिद्वंद्विता की बेचैनी से भर देगा. आप शीर्ष का सफर तय कर पाएंगे. 


एक विद्वान बताते हैं कि मुझे सफलता का कोई मंत्र नहीं पता है, लेकिन असफलता का मूल मंत्र हर वक्त मस्तिष्क में बसा है. सभी को खुश करने का प्रयास ही असफलता का पहला द्वार है. सफलता सिर्फ अत्यधिक परिश्रम चाहती है. शॉर्टकट क्षणिक सुख देंगे, स्थाई सफलता के लिए लक्ष्य नहीं, समर्पण-संकल्प और विश्वास अनिवार्य है.


काम की शुरुआत से पहले तय करें ये बातें
सहजता : कामकाज में सहजता का भाव जरूरी है. अन्यथा लक्ष्य से दूर हुए तो मानसिक अवसाद या तनाव घेर सकता है. 
सावधानी : आप का समर्पण और विश्वास आपके कर्म के जरिए आपके भाग्य को नए सिरे से लिखता है. सहयोगियों को समर्थन और कार्य वितरण में सावधानी जरूरी है.
संकल्प : हम प्राय: भाग्य को कोसने लगते हैं, लेकिन समझना जरूरी है कि भाग्य भी साहसी व्यक्ति का साथ देता है.


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