माघ महीना 29 जनवरी से आरंभ हो रहा, इस वस्तु के प्रयोग से बचें
माघ का महीना हल्की ठंड का महीना होता है. भारतीय संस्कृति में स्नान दान का महत्व इस माह में और बढ़ जाता है. प्रकृति से जुड़ीं हमारी धार्मिक परंपराओं में खानपान का भी विशेष महत्व है.
माघ का महीना 29 जनवरी से आरंभ होकर 27 फरवरी तक रहेगा. इस दौरान शक्कर और मिश्री के प्रयोग को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में निषेध बताया गया. सामान्यतः शक्कर के सेवन से तो हम सभी को 12 माह दूरी बनाए रखनी चाहिए. विशेषतः माघ माह में मिश्री, शक्कर एवं अन्य अत्यधिक मीठी वस्तुओं से बचना चाहिए.
प्रकृति से संबंद्य हमारी परंपराओं के वैज्ञानिक पहलुओं को समझने का प्रयास करें तो समझ आता है कि माघ माह में उत्तरायण सूर्य तेजी से प्रबल हो रहे होते हैं. ऐसे में रस पराग फूल फल सब्जी सभी की प्रधानता रहती है. इन सभी में अपनी नैसर्गिक मिठास होती है. इनसे ही हमारी मिठास की दैहिक जरूरत पूरी हो जाती है. साथ ही हल्की गर्मी के प्रभाव से रक्त पतला हो रहा होता है. उसे भी अधिक शक्कर व मिश्री की आवश्यकता नहीं रह जाती है.
अतिरिक्त शक्कर और मिश्री के सेवन से मधुमेह आदि रोग बढ़ते हैं. मधुमेह उच्च रक्तचाप और हृदय रोगो के लिए जिम्मेदार होता है. अतः इस माह में परंपरागत रूप से मिश्री के सेवन को निषेध किया गया है. इसकी अपेक्षा इस माह में कड़वी और कषैली चीजों के प्रयोग में लाया जाना हितकर बताया गया है। इससे मिठास पर नियंत्रण रहता है।