Shani Dev Ki Vakra Dristi: शनिदेव को तीनों लोकों के न्याय और दण्ड का देवता माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की महादशा, साढ़े साती या ढैय्या हर व्यक्ति के जीवन को एक बार जरूर प्रभावित करती है. इनकी वक्र दृष्टि के कारण लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस लिए व्यक्ति क्या देव और दानव भी इनकी वक्र दृष्टि से डरते हैं. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप ही फल प्रदान करते हैं. इसलिए इनके वक्र दृष्टि से बचने के लिए इन कर्मों नहीं करना चाहिए. आइये जानें इन कर्मों के बारे में,



शनिदेव की वक्री दृष्टि से बचने के लिए करें ये काम



  • कहा जाता है कि शनि देव दुर्बल और दीन-हीन की हमेशा मदद करते हैं. इसलिए कभी दुर्बल, असहाय और गरीब व्यक्ति को भूलकार भी न सताएं. नहीं तो आप शनिदेव की वक्र दृष्टी नहीं बचा सकते.

  • पशु-पक्षियों विशेष कर कौआ, भैंसा, हाथी, कुत्ते आदि को सताने वाले लोग भी शनिदेव के वक्र दृष्टि से नहं बच सकते हैं.

  • जो लोग शराब पीते हैं या अन्य कोई नशा करते हैं उन लोगों को शनि की महादशा में बड़ी दिक्कत और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

  • जो व्यक्ति स्त्रियों का सम्मान नहीं करता, उनके प्रति बुरे भाव रखते हैं, पराई स्त्री से संबंध बनाने की चेष्ठा रखते हैं या बनाते हैं. ऐसे व्यक्ति शनि देव के दण्ड के भागी होते हैं.

  • जो लोग जुआं और सट्टा खेलते हैं, उनपर भी शनिदेव की दृष्टी वक्र ही बनी रहती है. ऐसे लोगों को शनिदेव की महादशा का सामना करना ही पड़ेगा. इसलिए ऐसे कर्म नहीं करने चाहिए.

  • जो लोग अपने माता-पिता, पूर्वज,गुरू और देवी-देवताओं या पूजा स्थल का सम्मान नहीं करते हैं. उन्हें शनि देव के कोप का सामना करना पड़ता है. इस लिए ऐसे कामों से बचना चाहिए.

  • झूठ बोलना, झूठी गवाही देना या अनैतिक व्यवहार करना, अनावश्यक झगड़ा-लड़ाई करना आदि जैसे अनैतिक कर्म करने वाले शनि देव के दण्ड के भागी होते हैं.