Durga Ashtami 2024 Live: शारदीय नवरात्रि अष्टमी नवमी आज, जानें कन्या पूजन का समय, मंत्र और पूजन विधि
Durga Ashtami 2024 Live Updates: साल 2024 में महाअष्टमी और महानवमी तिथि को लेकर बहुत मतभेद हैं. जानते हैं आज अष्टमी तिथि कब तक रहेगी. नवमी का शुभ मुहूर्त, कब करें कन्या पूजन और व्रत का पारण.
आज 11 अक्टूबर, 2024 शुक्रवार के दिन राहुकाल सुबह 10.41 मिनट- 12.08 मिनट कर रहेगा. इस दौरान कन्या पूजन करने से बचें.
- कन्या पूजा में छोटी कन्याओं को स्टील के बर्तन या प्लास्टिक की चीजें उपहार में नहीं देनी चाहिए. क्योंकि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान इन धातुओं को शुभ नहीं माना जाता है.
- साथ ही कांच की चीजें या नुकीली वस्तुएं भी कंजक को देने से बचें.
- कन्या पूजा के बाद कन्याओं को कभी भी काले वस्त्र या काले रंग के रूमाल आदि भी न दें. आप इसके बजाय लाल रंग की चुनरी या लाल वस्त्र भेंट कर सकते हैं.
- नारियल
- लौंग
- सिंदूर
- अक्षत
- जौ
- सुपारी
- पान का पत्ता
- इलायची
- मेवा
- मिष्ठान
- अगरबत्ती
- कपूर
- आम की लकड़ी
- शुद्ध देशी घी
- मां दुर्गा की तस्वीर
- लाल या पीले रंग का कपड़ा
- गंगाजल
- बताशे
- मोली
- श्रृंगार
- पीली सरसों
- सप्त धन
- गेहूं
- काला तिल
ॐ दुर्गायै स्वाहा, ॐ सरस्वती स्वाहा, ॐ लक्ष्मयी स्वाहा, ॐ अन्नपूर्णे स्वाहा
- हवन कुंड को गंगाजल से शुद्ध करें, फिर हवन कुंड के चारों ओर कलावा बांधे
- हवन कुंड पर स्वास्तिक बनाएं और कुमकुम, अक्षत लगाकर फूल अर्पित करें
- हवन सामग्री के लिए घी, चीनी, कपूर और अक्षत का इस्तेमाल करें
- हवन कुंड में पूर्व, उत्तर, पश्चिम दिशा में चारों ओर आम की लकड़ी रखें
- उसके बीच में पान के पत्ते पर इलायची और बताशे रखें
- अग्नि जलाकर मंत्रों का जप करते हुए हवन सामग्री से आहुति दें
नवरात्रि पर हवन पूजन करने का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर 2024 को सुबह 11:44 से दोपहर 12:31 तक है.
इन गलतियों से बचें:
कन्याओं को घर पर बुलाएं फिर उनके पैर धोएं, तिलक लगाएं और फिर आसन पर बिठाएं.
कन्याओं को भोजन में लहसुन-प्याज न खिलाएं. केवल हलवा, पूरी, चना ही खिलाएं.
पैर छुकर कन्याओं को विदा करें और उनका आशीर्वाद लें, कन्याओं को विदा करने के बाद तुरंत ही घर की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए.
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता|
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो: नम:||
नवरात्रि का नवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित है. इस दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान के साथ पूजा करने से आपको यश, बल, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है. देवी पुराण के अनुसार मां सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों को पूर्ण करने वाली देवी कहा गया है.
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
- नवरात्रि की नवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
- 9 कन्याओं को घर पर बुलाएं और उनके साफ पानी से पैर साफ करें
- फिर उनके माथे पर कुमकुम या चंदन का तिलक लगाएं
- कन्याओं को खाना खिलाएं
- फिर उनको फल, दक्षिणा और उपहार दें
- अंत में उनके पैर छुएं और उनका आशीर्वाद लें
अगर आप महानवमी पर कन्या पूजन करना चाहते हैं तो 11 अक्टूबर को 12.07 से लेकर आप दोपहर 1: 35 मिनट तक कर सकते हैं.
नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के रूप मां महागौरी को समर्पित है. इस दिन मां महागौरी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है.
महागौरी माता भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं. शिव और शक्ति का मिलन ही संपूर्णता है.
महागौरी माता की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और माता की कृपा से व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.
पंचाग के अनुसार अष्टमी तिथि आज यानि 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को 12.07 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी जो अगले दिन यानि 12 अक्टूबर को सुबह 10.59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. इसके बाद दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी.
अगर आप महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो आप 11 अक्टूबर आज दिन सुबह 7.47 मिनट से लेकर 10.42 मिनट तक कन्या पूजन कर सकते हैं.
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि आज एक साथ मनाई जा रही है. आज 11 अक्टूबर का दिन बहुत विशेष है. इस दिन मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री दोनों की आराधना की जाएगी.
बैकग्राउंड
Durga Ashtami 2024 Live Updates: हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है. शारदीय नवरात्रि का पर्व पूरे नौ दिनों तक चलता है, जिसमें मां दुर्गा (Maa Durga) के 9 अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. साल 2024 में अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर लोगों में बहुत कंफ्यूजन हैं आखिरी अष्टमी और नवमी तिथि कब से कब तक रहेगा. जानते हैं इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी विस्तार में.
महानवमी तिथि 2024 कब से शुरु?
पंचाग के अनुसार अष्टमी तिथि आज यानि 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को 12.07 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी जो अगले दिन यानि 12 अक्टूबर को सुबह 10.59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. इसके बाद दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी. नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है जानते हैं कन्या पूजन का महत्व.
कन्या पूजन (Kanya Pujan)
नवरात्रि व्रत के आखिरी दिन कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण किया जाता है. नवरात्रि का व्रत और माता रानी की पूजा का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है, जब आप छोटी-छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उनका पूजन करते हैं. इसे कन्या पूजन या कंजक (Kanjak) भी कहा जाता है.
शारदीय नवरात्रि 2024 का आज आखिरी दिन है. आज 11 अक्टूबर, 2024 शुक्रवार को अष्टमी तिथि और नवमी तिथि (Ashtami -Navami Date) दोनों हैं. इसी दिन अष्टमी-नवमी तिथि पड़ रही है. इसलिए शुक्रवार 11 अक्टूबर को ही अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाना शुभ रहेगा.
कन्या पूजन के दौरान लोग 2-10 वर्ष की छोटी-छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर आदरपूर्वक घर बुलाते हैं, उनके पैर धोते हैं, भोजन में पूरी, चना, हलवा और नारियल खिलाते हैं, उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद लेकर विदा करते हैं. मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं और घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है.
इस दिन व्रत का पारण कन्या पूजन के बाद किया जाता है.
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