भगवान की पूजा सभी करते हैं. लोग दिन में एक बार जरूर पूजा करते हैं. पूजा-पाठ के भी कुछ नियम होते हैं. अक्सर लोग इनको नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं कुछ लोगों को इनके बारे में जानकारी भी नहीं होती है.


हम आपको बता रहे हैं कि पूजा के दौरान कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए.




  • पूजा घर हमेशा घर के ईशान कोण में ही रखना उचित होता है. पूजा घर में किसी एक देवी-देवताओं की मूर्तियां एक से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

  • पूजा में दीपक सही जगह रखना चाहिए. घी का दीपक हमेशा दाईं तरफ और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए. जल पात्र, घंटा, धूपदानी जैसी चीजें हमेशा बाईं तरफ रखनी चाहिए.

  • पूजन में भगवान को तिलक सिंदूर, चंदन, कुमकुम और हल्दी को अनामिका उंगली (छोटी उंगली के पास वाली उंगली ) से लगाना चाहिए.

  • भगवान विष्णु को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य को बिल्व पत्र कभी नहीं चढ़ाना चाहिए.

  • शिव जी को बेल पत्र, विष्णु को तुलसी, गणेश जी को हरी दूर्वा, सूर्य भगवान को लाल कनेर के फूल और मां दुर्गा को लौंग व लाल फूल बेहद प्रिय होते हैं.

  • गणेश जी, हनुमान जी, दुर्गा माता या किसी भी मूर्ति से सिंदूर लेकर माथे पर नहीं लगाना चाहिए.

  • इस बात का विशेष ध्यान रखें कि देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए.

  • पूजन करते समय मुंह उत्तर या पूर्व की दिशा में होना चाहिए.

  • पूजा खत्म होने के बाद भगवान से अपनी भूल के लिए उनके समक्ष क्षमा याचना जरूर कर लेनी चाहिए.


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