नई दिल्ली: आज देशभर में दशहरा या विजयादशमी मनाया जाएगा. इस दिन का हिन्दुओं में खासा महत्व है. विजयादश्मी की त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. आज ही के दिन भगवान राम ने लंका के अधर्मी राजा रावण का वध किया था. वहीं दूसरी तरफ आज मा दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था. नवरात्रि के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्सव के रूप में विजयादशमी मनाई जाती है.
आज देश के अलग-अलग हिस्से में बुराई का प्रतीक रावण भी जलाया जाएगा. लंका के रावण का तो भगवान राम ने वध कर दिया लेकिन महंगाई, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, बेईमानी, हिंसा, भेदभाव, ईर्ष्या-द्वेष, पर्यावरण प्रदूषण, यौन हिंसा और यौन शोषण जैसे कई रूपों में आज भी रावण समाज में है, इसलिए आज उसे जलाया जाता है.
पूजा के दौरान किन बातों का रखें ध्यान?
दशमीं तिथि 7 अक्टूबर को 12:10 बजे से शुरू हो गई है. आज 02:50 मिनट पर दशमीं समाप्त होगी. आज की पूजा कई रहस्य समेटे है. रावण का अंत चैत के महीने में हुआ है. आज की हुई पूजा से जीवन में विजय मिलती है. राम जी के साथ श्री कृष्ण जी की भी स्तुति और प्रार्थना करें. आज की पूजा का समय निश्चित है. पूजा के लिए शमी की लकड़ी, काला धागा लेकर पूजा करें. आज नया वाहन भी घर लाना शुभ माना जाता है. आज के दिन भगवान को याद करके सामग्री दान करें.
कैसे चमकेगी सोई हुई किस्मत?
मां दुर्गा की स्तुति और आराधना करें. हर बाधा दूर करने का मां से निवेदन करें. आयुध (हथियार), वाहन, बही-खाते या पुस्तक की पूजा करें. तिलक करें, अक्षत तिलक पर डालें. अपराजिता बोने से लाभ होगा. शमी की लकड़ी मां दुर्गा के चरणों में रखकर ऊं ऐं हृीं क्लीं नम: चण्डिकायै की 5 मालाओं का जाप करें. परेशानी होने पर काले धागे में बांधकर शमी की लकड़ी गले में पहनें. किसी डिबिया में बंद करके रखने से नकारात्मकता दूर होगी. खेत्री को चबाकर या कान में लगाकर मिट्टी में डाल दें.