Dussehra 2021: भगवान राम रावण का वध करके माता सीता को वापस लाये थे. इसी उपलक्ष्य में विजय दशमी का पर्व मनाया जाता है. रावण के विनाश में भगवान राम के साथ –साथ उनकी बहन शूर्पणखा का श्राप भी शामिल था. इसके अलावा इन लोगों ने भी रावण को श्राप दिया था. लोगों से मिले ये श्राप ही उसके और उसके पूरे कुल के विनाश का कारण बने. आइये विस्तार से जानें.


रघुवंशी अनरण्य का श्राप: जब रावण विश्व विजय पर निकला था तो रघुवंश में अनरण्य नामक राजा रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ जिसमें अनरण्य मारा तो गया, परन्तु मरने से पहले रावण को श्राप  दे दिया.


नंदी बैल का श्राप: शिव भक्त रावण भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत पर गया था. वहां पर रावण ने भगवान शिव के वाहन नंदी का मजाक उड़ाया था. इससे नंदी नाराज होकर रावण को श्राप दे दिया था.   


स्त्री का श्राप: रावण एक बार अपने पुष्पक विमान से यात्रा पर निकला था. तो उसने एक सुंदर स्त्री को देखा जो भगवान विष्णु की उपासना में लीन थी. रावण ने उसके बाल खींचकर अपने साथ चलने का आदेश दिया. इस पर स्त्री ने रावण को श्राप देकर अपने प्राण त्याग दिए.


शूर्पणखा का श्राप: शूर्पणखा का पति विद्युतजिह्वा राजा कालकेय का सेनापति था. एक बार रावण ने राजा कालकेय से युद्ध करते हुए शूर्पणखा के पति विद्युतजिह्वा का वध कर दिया. इससे शूर्पणखा ने रावण को श्राप दे दिया.


माया का श्राप: माया रावण की पत्नी की बड़ी बहन और वैजयंतपुर के राजा शंभर की पत्नी थी. एक बार रावण शंभर से मिलने गया और वहां उसने माया को अपने जाल में फंसा लिया. इसकी जानकारी होने पर शंभर ने रावण को कैद कर लिया. उस समय राजा दशरथ ने रावण पर हमला कर दिया. जिससे शंभर मारा गया. तब माया ने अपना प्राण त्यागने का फैसला किया. इस पर रावण ने अपने साथ चलने के लिए कहा. तब माया ने कहा कि हे रावण तुम्हारी वासना के कारण ही मेरे पति की मृत्यु हुई है. इसलिए मैं तुझे शाप देती हूँ.


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