Vijayadashmi 2022 Shami Tree Puja: नवरात्रि का समापन 4 अक्टूबर 2022 को हो जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार नौ दिन शक्ति पूजा के बाद अश्विन माह की दशमी तिथि को हर साल दशहरा मनाया जाता है. इस साल दशहरा यानी विजयादशमी 5 अक्टूबर 2022 को है. इस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार अयोध्या नरेश श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था.


रावण का पुतला दहन कर अधर्म पर धर्म की जीत मानना का पर्व है दशहरा. विजयादशमी पर रावण दहन के बाद शमी के पेड़ की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं दशहरा पर क्यों होता है शमी वृक्ष का पूजन और महत्व.


दशहरा 2022 मुहूर्त (Dussehra 2022 Ravan Dahan Muhurat)


विजय मुहूर्त - दोपहर 02:13 - दोपहर 03:00 (5 अक्टूबर 2022)


अवधि - 47 मिनट


अपराहन पूजा मुहूर्त - दोपहर 01.46 - दोपहर 03.48 (5 अक्टबर 2022)


दशहरा पर शमी वृक्ष की पूजा का महत्व (Dussehra shami tree puja importance)


विजयादशमी पर शस्त्र पूजन और शमी पेड़ की पूजा की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. धार्मिक मान्यता है कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम ने रावण से युद्ध करने के पहले मां दुर्गा और शमी वृक्ष की पूजा की थी. इसके परिणाम स्वरूप लंका पर उन्हें विजय प्राप्त हुई, तब से दशहरा पर शमी वृक्ष की उपासना शुरू हो गई. खासकर क्षत्रियों में इस दिन शमी वृक्ष के पूजन का महत्व है.


रावण दहन के बाद शमी के पत्ते बांटने का लाभ



  • विजयादशमी पर शमी के पेड़ का पूजन करने और रावण दहन के बाद इसकी पत्तियां परिवार और प्रियजनों में बांटने की प्रथा भी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शमी की पत्तियां सोने के समान मानी जाती हैं.

  • दशहरा पर प्रदोषकाल में शमी वृक्ष की उपासना से आरोग्य और धन प्राप्ति का वरदान मिलता है.

  • शमी वृक्ष को पूजनीय माना जाता है ऐसे में कहते हैं कि विजयादशमी के दिन इसकी पत्तियां सुख, समृद्धि सौभाग्य और विजय का आशीर्वाद देती हैं, इसलिए रावण दहन के बाद इसे प्रियजनों को देकर शुभकामनाएं दी जाती है.


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