Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2023: फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 9 फरवरी 2023 को रखा जाएगा. इस दिन बप्पा के छठे स्वरूप द्विजप्रिय गणेश की पूजा होती है. इसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन उपासना से घर में सुख-शांति का वास होता है और नकारात्मकता दूर होती है. द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन कथा के बिना व्रत-पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की कथा और मुहूर्त.


द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2023 मुहूर्त (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2023 Muhurat)


फाल्गुन कृष्ण संकष्टी चतुर्थी तिथि शुरू - 09 फरवरी 2023, सुबह 06.23


फाल्गुन कृष्ण संकष्टी चतुर्थी तिथि समाप्त - 10 फरवरी 2023, सुबह 07.58



  • चंद्रोदय समय - रात 09.25 (9 फरवरी 2023)


द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा (Dwijapriya Sankashti Chaturthi Katha


पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शिव और पार्वती के बीच चौपड़ का खेल शुरू हुआ लेकिन इस उस समय वहां उन दोनों के अलावा कोई और मौजूद नहीं था जो इस खेल के निर्णायक की भूमिका निभा सके. इस समस्या का समाधान निकालते हुए शिवजी और पार्वती ने मिलकर एक मिट्टी की मूर्ति बनाई और उसमें प्राण डाल दिए. शंकर-पार्वती जी ने मिट्‌टी से बने बालक को इस खेल में हार-जीत का निर्णय लेने का आदेश दिया.


चौपड़ के खेल में आया माता पार्वती को क्रोध


माता पार्वती और भोलेनाथ के बीच चौपड़ का खेल शुरू हुआ. हर चाल में देवी पार्वती ने शिव जी को मात दे दी. इसी तरह खेल चलता रहा लेकिन एक बार बालक ने गलती से माता पार्वती को हारा हुआ घोषित कर दिया. देवी बालक की इस गलती से क्रोधित हो उठीं. गुस्से में उन्होंने बालक को लंगड़ा होने का श्राप दे दिया. बालक ने अपनी भूल पर मां पार्वती से बार-बार माफी मांगी, लेकिन देवी ने कहा कि अब श्राप वापस तो नहीं लिया जा सकता. बालक ने माता से इसका उपाय जाना.


द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के प्रताप से बालक हुआ श्राप मुक्त


देवी पार्वती ने बालक को श्राप से मुक्ति का उपाय बताते हुए कहा कि फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के द्विजप्रिय रूप की विधि विधान से उपासना करो. बालक ने ऐसा ही किया और गौरी पुत्र गणेश बालक की सच्ची श्रद्धा देखकर बेहद प्रसन्न हुए. बालक श्राप मुक्त हो गया, उसके पैर पूरी तरह स्वस्थ हो गए और वह सुख-शांति से अपना जीवन यापन करने लगा.


Chanakya Niti: हो रहे हैं असफल तो अपनाएं चाणक्य की ये बातें, हर हाल में मिलेगी सफलता


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.