पृथ्वी पर तेजी से घटने वाली स्थितियों को देखें तो पाएंगे कि इन घटनाओं के आगे-पीछे कोई न कोई खगोलीय घटना जरूर घटित हुई है. 10 मई के भूकंप की बात करें तो इससे ठीक एक दिन पहले यानि 9 मई को बुध का राशि परिवर्तन हुआ था. बुध इस समय वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं. बुध का वृष राशि में प्रवेश 9 मई को सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर हुआ था. इसके अगले दिन दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसकी तीव्रता 3.5 थी. इससे पहले 12-13 अप्रैल को भूकंप के झटके महससू किए गए थे. इस दिन सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ था. 13 अप्रैल को सूर्य ने रात्रि 8 बजकर 23 मिनट पर राशि परिवर्तन किया था. इस दिन सूर्य मेष राशि में आए थे.


11 मई से शनि वक्री हो रहे हैं
शनि मकर राशि में 11 मई से वक्री हो रहे हैं. शनि 142 दिन तक उल्टी चाल चलेंगे. शनि का वक्री होना शुभ नहीं माना जाता है.


14 मई को सूर्य करने जा रहे हैं राशि परिवर्तन
14 मई को सूर्य का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. अभी सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे हैं. मेष राशि सूर्य की उच्च राशि मानी जाती है. मेष राशि से सूर्य निकल कर वृष राशि में आएगें.


सूर्य का स्वभाव
सूर्य देव आत्मा के कारक हैं. सूर्य की स्थिति से ही व्यक्ति के आत्मबल और अन्य चीजों का पता लगाया जाता है. सूर्य अग्नि तत्व हैं और इनका रंग लाल है. सूर्य पूर्व दिशा के स्वामी हैं. सूर्य मेष राशि में उच्च और तुला राशि में सूर्य नीच के हो जाते हैं. चंद्रमा, मंगल और गुरु सूर्य के मित्र हैं जबकि शुक्र, शनि और राहु-केतु सूर्य के शत्रु माने गये हैं. बुध के साथ सूर्य सम भाव रखते है.


वृष राशि में बुधादित्य योग बन रहा है
14 मई को सूर्य का वृष राशि में गोचर होने से यहां पहले से ही विराजमान बुध के साथ बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे. इस योग को ज्योतिष में एक शुभ योग माना जाता है.


मान सम्मान में होती है वृद्धि
एस्ट्रोलॉजर शिल्पा राना के अनुसार जब इस योग का निर्माण होता है तो मान सम्मान में वृद्धि होती है. व्यापार के क्षेत्र में भी नए अवसर विकसित होते हैं. धर्म,आस्था और प्रकृति की तरफ रुझान बढ़ता है. जमीन से जुड़े मामले हल करने पड़ते हैं. इस दशा में संषर्घ की स्थिति भी बनती है, जो प्रतिभा को निखारने में सहायक होती है.


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