Lunar Eclipse June 2020: चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर तेज आंधियां चलती है. ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित हो जाता है. ग्रहण के समय कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा का उत्पन्न होती है. यह नकारात्मक ऊर्जा मनुष्य को भी प्रभावित करती है. हालांकि 5 जून यानि आज के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण आंखों से नहीं देखा जा सकता है. इसलिए इस पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं माना जा रहा है. इसीलिए इस ग्रहण को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है.


इन बातों को न भूलें
ग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इन बातों पर अमल करते हुए ग्रहण के दुष्प्रभावों और इससे निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है.


भोजन नहीं करना चाहिए
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को लेकर बहुत ही सूक्ष्मता से अध्ययन किया गया है. इसलिए इस दौरान भोजन न करने की सलाह दी गई है. निर्णय सिंधु के मुताबिक-


तत्र चंद्र ग्रहणे यस्मिन्याये ग्रहणें तस्मात्पूर्व।
प्रहरत्रयं न भुज्जीत, सूर्य ग्रहे तु प्रहर चतुष्टयं न भुज्जीत्।


यानि सूर्य ग्रहण के समय शकवात के चार प्रहार और चंद्र ग्रहण के समय प्रारंभिक तीन प्रहरों में पका हुआ भोजन नहीं करना चाहिए.
मान्यता है कि ग्रहण के समय भोजन करने से वह दूषित हो जाता है. जो पेट संबंधी रोग दे सकता है. वहीं कान और दांत से जुड़ा रोग भी हो सकता है. ग्रहण के समय निकलने वाली दूषित किरणें भोजन को दूषित कर देती हैं. इसलिए ग्रहण के समय भोजन न करने की सलाह दी जाती है. इस दिन अपने पास कुशा और तुलसी को रखना चाहिए.


ग्रहण के बाद स्नान
ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए. इस दौरान यदि विशेष परिस्थिति में बाहर जाना पड़ता है तो जाते समय और घर में वापिस घुसते समय गंगा जल की बूंदें अपने ऊपर जरूर छिड़कें. ऐसा करने शुद्धिकरण होता है और दुष्प्रभावों से बचाव होता है.


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