मुस्लिम समुदाय का खास और पवित्र त्योहार ईद इस बार 2 मई 2022 के दिन मनाई जाएगी. ईद को ईद उल-फ़ित्र के नाम से जाना जाता है. इतना ही नहीं, इसे मीठी ईद के नाम से भी जानते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के 10वें शव्वल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है. हालांकि, ईद का दिन चांद देखने के बाद ही निर्धारित किया जाता है. रमजान की शुरुआत भी चांद के दीदार के बाद ही होती है. 


यूं मनाते हैं ईद का पर्व


इस्लाम में ईद का पर्व बेहद खास होता है. इस दिन घरों में मीठे पकवान (सेवइयां) बनाई जाती हैं. मीठी सेवइयां घर आए मेहमानों को खिलाई जाती हैं और रिश्तेदारों आदि में बांटी भी जाती है. ईद उल-फ़ित्र का त्योहार भाईचारे का संदेश देता है. 


क्यों मनाई जाती है ईद


बता दें कि साल में दो बार ईद का पर्व मनाया जाता है. पहली ईद को ईद उल-फ़ित्र या फिर मीठी ईद के नाम से जानते हैं. वहीं, दूसरी ईद को ईद उल जुहा या बकरीद के नाम से जाना जाता है. इस्लामिक मान्यता है कि ईद उल-फ़ित्र पैग्मबर मुहम्मद ने सन् 624 ईसवीं में जंग-ए-बदर के बाद मनाई थी. इसलिए रमजान के पूरे महीने में अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. इस पूरे माह में कुरआन की तिलावत करके अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं. और रमजान खत्म होने के बाद पूरी दुनिया में मुसलमान बड़े हर्ष उल्लास के साथ ईद मनाते हैं. 


ईद उल फितर का महत्व


ईद उल-फ़ित्र का त्योहार भाई चारे और आपसी मेल का त्योहार है. इस दिन एक-दूसरे से गले मिलकर ईद मुबारक करते हैं. रमजान के माह में रोजे की  समाप्ति के बाद ईद के दिन अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि अल्लाह ने उन्हें पूरे महीने उपवास रखने की शक्ति की. इस पवित्र दिन सुबह  की नमाज मस्जिदों में अदा की जाती है. इस दिन दान या भिक्षा देना हर मुस्लमान का फर्ज होता है. इसे जकात उल फितर के नाम से जाना जाता है. इस दिन घरों में तरह-तरह के फकवान बनाए जाते हैं. 


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