Eid-e-Milad-un-Nabi 2025: ईद-ए-मिलाद मुसलमानों के लिए बहुत ही खास पर्व है. इस दिन लोग पैगबंर मुहम्मद की शिक्षा और जीवन को लेकर उनकी सोच को याद करते है. ईद-ए-मिलाद-उन -नबी को ईद उल मिलादुन्नबी के नाम से भी जाना जाता है. 


ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार क्यों मनाया जाता है


इस्लाम  धर्म की प्रमुख किताब, कुरान में ईद-ए-मिलाद को पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. यह पर्व रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. लेकिन इसी त्योहार को शिया और सुन्नी दोनों संप्रदाय अलग- अलग ढंग से मनाते है. सुन्नी इस पर्व को रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाते है और शिया संप्रदाय इसको 17वें दिन में मनाते है. मुसलमानों के लिए यह दिन खुशी के साथ शोक का दिन है क्योंकि इसी तारीख को पैगंबर मुहम्मद का इंतकाल भी हो गया था. इस दिन भारत और पाकिस्तान दोनों देशो में सार्वजनिक अवकाश रहता है जिसमें- सरकारी कार्यालय, बैंक, डाकघर सभी सरकारी केंद्रो का अवकाश रहता है. स्कूल, कॉलेज और बाकी शिक्षण संस्थान में भी छुट्टी रखी जाती है ताकि मुस्लिम सुमदाय इस त्योहार को आराम से मना सके. 


2025 में कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी ?
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, हर साल ईद-ए-मिलाद की तिथि बदलती रहती है. नए वर्ष में 4-5 सितंबर 2025 को ईद-ए-मिलाद का पर्व पड़ेगा.


इस्लाम धर्म के लोग ईद-ए-मिलाद के दिन किस तरह पैगंबर मुहम्मद को याद करते है



  • सबसे पहले, लोग मस्जिद में जाकर नमाज अदा करते है और मुहम्मद साहब को याद करते है.

  • घर को सजाते है व गरीब लोगों को भी खाने -पीने के लिए कुछ देते है.

  • लोग एक दूसरे को पैगंबर मुहम्मद के शिक्षा से जुड़ी कहानियां सुनाते है.

  • इसके अलावा, धर्म के कई विद्वान लोग निबंध व कविताएं लिखकर मुहम्मद साहब को कार्यों को सम्मान देते है.


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