Eid: आज है देशभर में ईद का त्यौहार, जानें उलेमाओं ने क्या कहा? अपनों को भेजें ईद मुबारक का ये खास मैसेज
Eid Ul-Fitr 2021: मुस्लिम धर्म में ईद-उल-फितर का त्यौहार विशेष महत्त्व रखता है. ईद का त्यौहार आज 14 मई को पूरी दुनिया में धूम धाम से मनाया जा रहा है. कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण उलेमाओं ने लोगों से खास अपील की है. आइये जानें इन्होंने मुस्लिम भाइयों से क्या कहा है?
Happy Eid-Ul-Fitr 2021: आज पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ईद उल फितर का त्यौहार मनाया जा रहा है, क्योंकि कल यानी 13 मई 2021 को चांद का दीदार हो गया. संयोग से आज यानी 14 मई को हिंदू धर्म में भी अक्षय तृतीया का व्रत और परशुराम जयंती का पर्व भी मनाया जा रहा है. परन्तु पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण फैला हुआ है. इसे देखते हुए उलेमा भी पूरी तरह से सजग हो गए हैं. कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सुन्नी उलमा के साथ शिया धर्मगुरु ने भी मुसलमानों से अपील की है कि वे ईद को बेहद सादगी से मनाएं. इस दौरान अपने को सुरक्षित रखें. उन्होंने यह भी कहा कि वे ईद में अपने से ज्यादा दूसरों की खुशियों का ध्यान रखें.
सादगी से मनाएं ईद का त्यौहार
शिया धर्मगुरु मौलाना ने लोगों से अपील की है कि वे इस साल कोरोना के संक्रमण को देखते हुए ईद का पर्व बहुत ही सादगी से मनाएं. वे जरूरतमंद गरीब लोगों का खास ख्याल रखें और उनकी मदद करें ताकि उनको अकेलापन न महसूस हो. उन्होंने यह भी कहा कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए ईद की नमाज घर में ही पढ़ें.
ईद के खर्च का 50 फीसदी ग़रीबों को दान दें
इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल ईद सादगी से मनाएं. नये कपड़े न सिलवाएं बल्कि उनके पास जो सबसे बेहतर कपड़ा हो उसी को पहन कर घर में ही ईद की नमाज अदा करें. उन्होंने यह भी कहा कि ईद के बजट का 50 फीसदी गरीब भाईयों और ज़रूरतमंद लोगों में बांटे. मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लोगों से यह भी अपील की कि वे ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबूदार तेल लगाना, सुर्मा लगाना और खुजूर खाना सुन्नत है, इसलिए इन चीज़ों का एहतिमाम किया जाए. साथ वे सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन की गाइडलाइन का और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
ईद उल फितर के अवसर पर ग़रीबों को फितरा दिया जाये ताकि वे भी ईद को खुशी पूर्वक मना सकें. ईद की नमाज अदा करने के पहले सदका –ए- फितर अदा करना चाहिए.