मां महालक्ष्मी जी कृपा के सभी आठ रूप हमारी संपूर्ण सफलता के लिए आवश्यक हैं.  वैभवशाली जीवन जीने के लिए इन सभी रूपों में लक्ष्मी की आर्शीवाद पाने का प्रयास किया जाना चाहिए. सम्पन्नता धन लक्ष्मी प्रदान करती हैं. आर्थिक उपलब्धि के लिए मां की साधना आराधना करें. इनकी कृपा से कर्ज मुक्ति और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है. विपन्नता का अंधियारा छंटता है। भव्यता और उजास का आगमन होता है.


यशलक्ष्मी के आशीष से व्यक्ति विख्यात होता है. मान सम्मान मित्रों की प्राप्ति होगी. समाज में पद प्रतिष्ठा से रहता है. सभी वर्ग के लोग आदरभाव रखते हैं. यशलक्ष्मी की कृपा से लोगों के दुष्कर कार्य भी सहजता से हो जाते हैं. आयुलक्ष्मी हमें दीर्घायु प्रदान करती हैं. अच्छी आयु के बिना संकल्प पूरे करना कठिन है. स्वस्थ्य और लंबे जीवन की अभिलाषा वालों इन्हीं की कृपा से पाई जा सकती है. निरोगी काया को पहला सुख भी माना गया है.


विद्यालक्ष्मी शैक्षिक गतिविधियों में सफलता दिलाती हैं. परीक्षा प्रतियोगिता में अच्छे अंकों की चाह रखने वालों को विद्या लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए. विभिन्न क्षेत्रों में अनुकूलता भी विद्यालक्ष्मी की कृपा से मिलती है. वीर लक्ष्मी साहस संपर्क और श्रेष्ठता भरती हैं. इनकी कृपा से शासन प्रशासन में सफलता प्राप्त होगी. महत्वपूर्ण कार्याें में आगे बढ़कर नेतृत्व करने का भाव जागता है. जिम्मेदारियों को स्वीकारना और निभाना मां वीर लक्ष्मी प्रदान करती हैं.


सत्य लक्ष्मी की कृपा से जीवन में उच्च आदर्शाें और नैतिकता का प्रबलता आती है. कठिनाई उठाकर भी सभी के हित के लिए खड़े रहने की भावना बढ़ती है. प्रत्येक कार्य को शुचिता और सद्भाव से करने की प्रेरना मिलती है.


संतान लक्ष्मी की कृपा वंश वृद्धि प्रदान करती है. आने वाली पीढ़ियों की श्रेष्ठता और सफलता संतान लक्ष्मी लाती हैं. अच्छी संतान जीवनभर की उपलब्धि मानी जाती है। हर व्यक्ति संतान को बेहतर करते देखना चाहता है. संतान लक्ष्मी इसमें सहायक होती हैं.


गृह लक्ष्मी घर परिवार में शुभता भरती हैं. सुख सौख्य और सौंदर्यबोध बढ़ाती हैं. जीवनसाथी कोे सफलता प्रदान करती हैं. आनंद और वैभव सर्वाेच्च स्थिति अपनों के साथ और सहयोग से ही पाई जा सकती है. गृह लक्ष्मी घर वाहन का सुख लाती हैं.