Sankashti Chaturthi 2021: एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब? बन रहा है दो शुभ योग, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व
Ekadanta Sankashti Chaturthi 2021: पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. आइये जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त एवं महत्त्व.
Ekadanta Sankashti Chaturthi 2021: हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास का प्रारंभ कल यानी 27 मई से हो गया है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्त्व है. इस दिन भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और भगवान विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि-विधान से उपासना करते हैं. संकष्टी व्रत शाम को चंद्र दर्शन के बाद ही पूरा होता है. आइये जानें एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि और चंद्रोदय का समय शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी
एकदंत संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाने वाली ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 29 मई 2021 को पड़ रही है. संयोग से इस बार इस मौके पर शुभ और शुक्ल दो योग भी बन रहें हैं. इसके कारण इस बार की संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्त्व और बढ़ गया है.
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि कल यानी 29 मई दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है. इसका समापन अगले दिन 30 मई, रविवार को प्रात: 04 बजकर 03 मिनट हो रहा है.
चंद्रोदय का समय:
संकष्टी चतुर्थी व्रत चंद्रदर्शन के बाद पूरा होता है. इस लिए इस व्रत में चंद्रोदय का खास महत्त्व है. चूंकि चांद 29 मई को ही विद्यमान होंगें. इस लिए इस दिन ही यह व्रत रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय 29 मई को रात 10 बजकर 30 मिनट को होगा. इस लिए इस व्रत का समापन उसके बाद ही किया जाएगा.
संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्त्व:
मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से भक्त के सभी कष्ट और पाप मिट जाते है. विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं. भगवान गणेश जी की कृपा से धन, सुख-समृद्धि आती है. माना जाता है कि संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को निर्जला रखते हैं.