Falgun Month 2023 Vrat Tyohar: हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन 6 फरवरी 2023 से शुरू हो रहा है. इसका समापन 7 मार्च 2023 को होगा. फाल्गुन के महीने में प्रकृति खिलखिला उठती है. सर्दी का अंत और गर्मी की शुरुआत होने लगती है. चारों ओर प्रेम की बयार बहती है. सारा वातावरण रंगीन दिखाई पड़ता है. बसंत का प्रभाव होने से फाल्गुन महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है.
कहते हैं कि इस महीने प्रेम, विवाह और वैवाहिक जीवन के प्रयोग विशेष सफल होते हैं. प्रकृति के नजरिए से फाल्गुन का महीना जितना महत्वपूर्ण है उतना ही इसका धार्मिक महत्व भी है. ये महीना श्रीकृष्ण, शिव, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा को समर्पित है. आइए जानते हैं फाल्गुन माह में बड़े व्रत-त्योहार की लिस्ट
फाल्गुन माह 2023 व्रत-त्योहार (Falgun Vrat Festival 2023 List)
- 9 फरवरी 2023 (सोमवार) - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
- 12 फरवरी 2023 (रविवार)- यशोदा जयंती
- 13 फरवरी 2023 - कालाष्टमी, कुंभ संक्रांति, शबरी जयंती
- 14 फरवरी 2023 (मंगलवार) - जानकी जयंती
- 16 फरवरी 2023 (गुरुवार) - विजया एकादशी
- 18 फरवरी 2023 (शनिवार) - महाशिवरात्रि, शनि प्रदोष व्रत
- 20 फरवरी 2023 (सोमवार) - सोमवती अमावस्या
- 21 फरवरी 202 (मंगलवार) - फुलेरा दूज
- 23 फरवरी 2023 (गुरुवार) - फाल्गुन विनायक चतुर्थी
- 25 फरवरी 2023 (शनिवार) - स्कंद षष्ठी व्रत
- 26 फरवरी 2023 (रविवार) - भानु सप्तमी
- 27 फरवरी 2023 (सोमवार) - होलाष्टक शुरू
- 3 मार्च 2023 (शुक्रवार) - आमलकी एकादशी
- 4 मार्च 2023 (शनिवार) - शनि प्रदोष
- 7 मार्च 2023 (मंगलवार) - फाल्गुन पूर्णिमा, होलिका दहन
- पंचक - (19 फरवरी 2023 - 23 फरवरी 2023)
फाल्गुन माह के उपाय (Falgun Month Upay)
आर्थिक लाभ
फाल्गुन माह में दान का खास महत्व है. कहते हैं जो फाल्गुन में शुद्ध घी, तेल, सरसों का तेल, मौसमी फल, वस्त्र, जूते, का दान करते हैं उनकी आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन सुधरती जाती है और दरिद्रता दूर होती है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है जो वंश वृद्धि और खुशहाली प्रदान करता है.
प्रेम संबंधों में मिठास
फाल्गुन का महीना श्रीकृष्ण को अति प्रिय है. राधा-कृष्ण का प्रेम जगजाहिर है. कहते हैं फाल्गुन में रोजाना गुलाब के फूल से श्रीकृष्ण की पूजा करने से प्रेम संबंधों में मधुरता आती है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.
वैवाहिक जीवन
फाल्गुन में महाशिवरात्रि पर शंकर-पार्वती का मिलन हुआ था. शिव-पार्वती सुखी दांपत्य का सबसे उत्तम उदाहरण है. कहते हैं इस दिन भोलेनाथ को बेलपत्र और देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.
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