Famous Lord Krishna Temple: जीवन में एक बार जरूर करें श्री कृष्ण के इन फेमस मंदिरों के दर्शन, सभी समस्याओं का होगा समाधान
Krishna Ji Famous Temple: कहते हैं कि गीता में श्री कृष्ण ने स्वंय को मार्गशीर्ष का माह बताया है. ऐसे में इस माह में उनके प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करने मात्र से ही लोगों के दुखों का नाश हो जाता है.
Shri Krishna Famous Temple: मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) श्री कृष्ण (Shri Krishna) को समर्पित है. कहते हैं कि गीता (Gita In Shri Krishna) में श्री कृष्ण (Shri Krishna) ने स्वंय को मार्गशीर्ष का माह बताया है. ऐसे में मार्गशीर्ष माह में उनके प्रसिद्ध मंदिरों (Famous Mandir) के दर्शन करने मात्र से ही लोगों के दुखों का नाश हो जाता है. समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है. देशभर में श्री कृष्ण के भक्तों की भरमार है. वहीं, देशभर में श्री कृष्ण के कई प्रचलित मंदिर है. जहां एक बार तो दर्शन अवश्य करें. इन मंदिरों को लेकर मान्यता है कि यहां केवल दर्शन मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
1- मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर- धार्मिक पुराणों के अनुसार भगवान कृष्ण की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में स्थित है. भागवत पुराण के मुताबिक श्री कृष्ण जी का जन्म कंस की कारागार में हुआ था. और उसी जगह आज मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का बहुत बड़ा मंदिर बनाया गया है.
2- गोकुल का मंदिर- मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म हालांकि मथुरा में हुआ था. लेकिन बचपन गोकुल, वृंदावन, नंदगाव, बरसाना जैसी जगहों पर बीता था. बता दें कि मथुरा से गोकुल 15 किलोमीटर ही दूर है. गोकुल में चौरासी खम्भों का मंदिर, नंदेश्वर महादेव, मथुरा नाथ, द्वारिका नाथ जैसे मंदिर खूब प्रसिद्ध हैं. ऐसे में अगर आप गोकुल की ओर जाते हैं, तो यहां एक बार दर्शन अवश्य करें.
3- वृंदावन का मंदिर- वृंदावन भी मथुरा के पास ही स्थित है. यहां रमण रेती पर बांके बिहारी का प्रसिद्ध मंदिर है. भगवत पुराण के अनुसार मथुरा के वृंदावन में भगवान कृष्ण गोप, गोपियों के साथ गाय चराते, बांसुरी की मधुर तान पर रास रचाते थे. इतना ही नहीं, यहीं पर प्रसिद्ध प्रेम मंदिर और इस्कॉन मंदिर भी स्थित है. जहां, देशभर पर लोगों की भीड़ यहां भगवान के दर्शन को पहुंचते हैं. बता दें कि बृज क्षेत्र में गोवर्धन पर्वत भी स्थित है, जिसे भगवान ने अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था.
4- द्वारिका मंदिर- भागवत पुराण में बताया गया है कि जरासंध के कारण श्रीकृष्ण मथुरा छोड़कर गुजरात के समुद्री तट पर स्थित कुशस्थली नगरी आ गए थे. और यहां आकर उन्होंने द्वारिका नामक नगर की स्थापना कर दी. इस जगह का एक बड़ा हिस्सा आज भी समुद्र में डूबा हुआ है. बता दें कि गुजरात में श्री कृष्ण को द्वारकाधीश कहा जाता है. इसके अलावा गुजरात के दाकोर में रणछोड़राय मंदिर भी जग प्रसिद्ध है.
5- श्रीकृष्ण निर्वाण स्थल- गुजरात में प्रभास नामक क्षेत्र में स्थित भगवान कृष्ण का निर्वाण स्थल मंदिर है, जो कि लोगों में जग विख्यात है. पौराणिक कथा के अनुसार यदुवंशियों ने आपस में ही लड़ाई करके अपने कुल का अंत कर दिया. भागवत कथा के अनुसार भगवान कृष्ण इस जगह पर चिंता में लेटे थे कि उनके पीताम्बर को हिरण समझ कर एक बहेलिए ने बाण चला दिया. इसी जगह पर पैर में लगे बाण का बहाना बना कर इस जगह पर प्राण त्याग दिए.
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