Safalta Ki kuji : भय, भावुकता और हीनभावना को जीतना ही है सफलता की कुंजी
व्यक्ति की असफलता के लिए भय, भावुकता और हीनभावना सबसे बड़े कारक हो सकते हैं, ऐसे में विद्वान मानते हैं कि भाग्य के भरोसे रहने के बजाय कर्म का हथियार बनाकर असफलता के कारकों का नाश करें.
Safalta Ki kuji : जीवन में लक्ष्य तय करने से पहले योग्यता, परिश्रम, परिणाम का अनुमान लगाना सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारण होते हैं, लेकिन इससे पहले मन में समस्याओं के प्रति भय, परिस्थितियों के प्रति भावुकता और चुनौतियों की भीड़ में हीनभावना से लड़ना होगा.
विद्वान मानते हैं कि मनवांछित कार्य में असफला मिले तो सिर्फ भाग्य को दोषी न मानकर शक्ति-निष्ठा के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ें. सफलता के लिए एकाकीपन, भय, संकोच, भावुकता और हीनभावना जैसे व्यर्थ कारकों से दूरी रखनी होगी. लगन, इच्छा और परिश्रम पर किसी की नकारात्मकता, निराशा या शारीरिक आलस्य की छाया ना पड़ने दें.
एक-एक पल का सदुपयोग जरूरी
व्यक्ति को सफलता के लिए अपने समय को पूरा महत्व देना चाहिए. एक-एक पल उपयोग करें और इस बात के लिए निश्चिंत रहें कि हर व्यक्ति को सफलता के लिए एक सबसे आसान मौका जरूर मिलता है. उसे पहचानें और परिश्रम के बूते सफलता सुनिश्चित करें. फिर भी अगर एक बार सफल न हो सकें तो किसी रूप में पछतावा या निराशा होकर समय खराब करना भी ठीक नहीं. नित नए दिन अवसर बनते रहेंगे. मेहनत, लगन और एकाग्रता से इन्हें जीतना होगा. एक से अधिक लक्ष्य पर उनकी प्राथमिकता तय करनी होगी. लक्ष्य तय करने में भ्रम की स्थिति न बनने दें, क्योंकिकार्य योजनाबद्ध ढंग से काम न करने, बहानेबाजी-टालमटोल की अपनी सफलता के लिए भाग्य, भ्रष्टाचार और धन की कमी जैसे कुंठित विचारों से अवसर मत खोएं.
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