7 February 2024: षटतिला एकादशी आज, लेकिन कल और परसों क्या है? यहां देखें
February 2024: हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए 6 फरवरी 2024 से 9 फरवरी 2024 तक बेहद खास है. इस बीच क्या है आइए जानते हैं.
February 2024: धार्मिक दृष्टि से फरवरी 2024 के आने वाले चार दिन बहुत विशेष हैं, हिंदू पंचांग के अनुसार इन आने वाले चार दिनों में ऐसे व्रत और पर्व पड़ रहे हैं जिनका धार्मिक महत्व वेद-पुराणों में भी बताया गया है. तो आइए जानते हैं कि ये कौन-कौन से महत्व पूर्ण पर्व हैं-
षटतिला एकादशी 6 फरवरी 2024 (Shattila Ekadashi 2024)
5 फरवरी से एकादशी की तिथि आरंभ हो चुकी है. एकादशी का व्रत कल यानि 6 फरवरी 2024 को रखा जाएगा. माघ का महीना चल रहा है. पंचांग के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की तिल का भोग लगाया जाता है. ये एकादशी तिल के महत्व को बताती है. तिल का सेवन सेहत के लिए भी लाभकारी बताया गया है. डॉक्टरों की माने तो तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और गुड फैट समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत, सूजन को कम करने, दिल की बीमारियों को दूर करने में हेल्पफुल होते हैं.
प्रदोष व्रत 7 फरवरी 2024 (Pradosh Vrat 2024)
षटतिला एकादशी के पारण के दिन ही प्रदोष व्रत पड़ रहा है. यानि भगवान विष्णु के साथ, भगवान शिव की पूजा का भी उत्तम संयोग बन रहा है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा व्रत माना गया है. शास्त्रों में इस अतिमंगलकारी और सभी कष्टों को हरने वाला व्रत बताया गया है.
7 फरवरी 2024 के पंचांग के अनुसार द्वादशी की तिथि दोपहर 14 बजकर 4 मिनट पर समाप्त हो रही है, और त्रियोदशी की तिथि प्रारंभ होगी, प्रदोष व्रत इसी तिथि का रखा जाता है. सायंकाल को प्रदोष काल कहा जाता है, जब सूर्य डूबता है और रात्रि प्रारंभ होती है, इसके बीच का समय प्रदोष काल माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं, इस समय पूजा करने और जल अर्पित करने मात्र से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं.
मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी 2024
इस बार मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी को मनाई जाएगी. वैदिक पंचांग अनुसार हिंदू मास के अनुसार हर कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पड़ती है. शिव भक्त इस दिन व्रत रख कर भगवान शिव की कृपा पाते हैं.मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत और पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है या योग्य वर नहीं मिल रहा है, उनके लिए ये व्रत विशेष फलदायी माना गया है. पंचांग अनुसार इस दिन निशिता काल और पूजा मुहूर्त का समय यहां देख सकते हैं.
माघ अमावस्या 9 फरवरी 2024 (Mauni Amavasya 2024)
मौनी अमावस्या के नाम से भी इसे जाना जाता है. माघ मास की इस तिथि का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का महत्व बताया गया है.इसके साथ ही पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है. इस दिन तर्पण, पिंडदान आदि जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं. इस दिन मौन व्रत भी रखा जाता है. यही कारण है कि इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है, इस दिन विष्णु और शिव जी दोनों की पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
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