Fifth Sawan Somwar 2023: पांचवां सावन सोमवार कब ? जानें डेट, मुहूर्त, खुशहाल वैवाहिक जीवन पाने के लिए बहुत खास है ये दिन
Fifth Sawan Somwar 2023 Kab hai: सावन में अब 4 सोमवार बचे हैं. आइए जानते हैं पांचवां सावन सोमवार व्रत की डेट, मुहूर्त और अर्धनारीश्वर रूप की पूजा का महत्व.
Fifth Sawan Somwar 2023: सावन का चौथा सोमवार आज है. धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार व्रत करने से समस्त कष्टों का नाश होता है और साधक पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसती है. कहते हैं कि सावन सोमवार के दिन महादेव के अर्धनारीश्वर रूप के पूजन करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होती हैं.
इस स्वरूप की पूजा के प्रभाव से निसंतान के घर जल्द बच्चे की किलकारियां गूंजती हैं. साथ ही विवाह की बाधाएं दूर होती है. सावन में अब 4 सोमवार बचे हैं. आइए जानते हैं पांचवां सावन सोमवार व्रत की डेट, मुहूर्त और अर्धनारीश्वर रूप की पूजा का महत्व.
पांचवां सावन सोमवार 2023 डेट (Sawan 5th Somwar 2023 Date)
सावन का पांचवां सोमवार व्रत 7 अगस्त 2023 को रखा जाएगा. इस दिन सौभाग्य और धन प्राप्ति के लिए शादीशुदा लोग विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें, इस व्रत के प्रभाव से सुयोग्य जीवनसाथी पाने की इच्छा भी पूरी होती है.
सावन का पांचवां सोमवार 2023 मुहूर्त (Fifth Sawan Somwar 2023 Date)
ग्रंथों के अनुसार शिव पूजा के लिए प्रदोष काल मुहूर्त श्रेष्ठ माना जाता है लेकिन जो लोग सुबह पूजा करना चाहते हैं वह इस दिन का शुभ मुहूर्त यहां देख सकते हैं. ये सावन अधिकमास का दूसरा सोमवार व्रत होगा.
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:42 - सुबह 05:28
- सुबह पूजा का मुहूर्त - सुबह 09:06 - सुबह 10:46
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:42 - रात 07:05
- अमृत काल - शाम 06:12 - रात 19:47
सावन सोमवार पर अर्धनारीश्वर रूप की पूजा का महत्व
भगवान भोलेनाथ के अर्धनारीश्वर स्वरूप आधा स्त्री और आधा पुरुष का है. संसार में मानव जाति को आगे बढ़ाने के लिए शिव जी ने अर्धनारीश्वर रूप लिया था. सावन सोमवार के दिन शिव के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा करने से वंश में वृद्धि होती है, पति-पत्नी के बीच मिठास बढ़ती है.
सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करें, देवा पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और फिर ‘ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नमरू मंत्र का 108 बार जाप करें. अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं. अंत में भोलेनाथ की आरती करें और फिर प्रसाद बांट दें.
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