वर्तमान विवाह के सीजन को पूर्ण होने में एक माह ही शेष है. 20 जुलाई 2021 को देवशयनी एकादशी है. इसमें देवता पाताल लोक में निवास करते हैं. यह स्थिति देवताओं के शयन की मानी जाती है. ऐसे में इस विवाह सीजन को पूर्ण होने में मात्र कुछ सप्ताह ही रह गए हैं. इनसें भी पंचांग के अनुसार सर्वदेशीय विवाह मुहूर्त 2 जुलाई तक ही हैं. जो लोग पंचांग और मुहूर्त के अनुसार विवाह करना चाहते हैं उन्हें शीघ्रता करनी चाहिए.


चार माह पश्चात् 15 नवंबर 2021 को देवोत्थान एकादशी, तुलसी विवाह से शादियों के लिए मुहूर्त पुनः उपलब्ध होगे. वर्ष 2021 में गुरु और शुक्र अस्त होने से आरंभिक महीनों में अत्यल्प विवाह मुहूर्त थे. साथ कोरोना काल में विवाह टलते आ रहे थे. अब कोरोना की संक्रमण दर तेजी से घट रही है. यह समय मांगलिक कार्याें के लिए शुभ है. विवाह के इच्छुक जनों को मुहूर्ताें को प्राथमिकता में रखते हुए शीघ्रता करना चाहिए.

20 जुलाई देवशयनी एकादशी के बाद अगला सर्वदेशीय विवाह मुहूर्त 20 नवंबर 2021 को होगा. यह स्थिति पूरे चार माह बाद बनेगी. इसके साथ ही मुहूर्ताें की उपलब्धता भी 15 दिसंबर तक ही रहेगी. 16 दिसंबर से धनुर्मास अर्थात् खरमास आरंभ हो जाएगा. इसमें विवाहादि मांगलिक कार्य निषेध रहते हैं. इसके बाद स्थिति वर्ष 2021 में मकर संक्राति के बाद बनेगी.


ज्ञातव्य है कि विवाह संस्कार को ग्रहस्थ जीवने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके बिना कुल कुटुम्ब और पितृ ऋण से मुक्ति संभव नहीं मानी जाती है. इसमें वर कन्या एक दूसरे पाणिग्रहण करते हैं. यह सोलह संस्कारों में से एक संस्कार है.