Safalta ki kunji : सफलता, संपन्नता के लिए तीन आदतों को अपनाएं , कभी नहीं होगी धन की कमी
जीवन की हर परिस्थिति में आपको सक्षम बने रहने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत रहना जरूरी है.
Safalta ki kunji : जीवन के हर मोड़ पर आपको जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन परिस्थितिवश पर्याप्त धन की कमी से एक बड़ा मध्यमवर्ग जूझता रहता है. कुछ परिवार अपने खर्च तो कुछ भविष्य की कार्ययोजनाओं को लेकर धन आभाव से जूझते हैं. आइए जानते है विद्वानों के बताए ऐेसे तीन तरीके जिनसे बचत, खर्च और कमाई में सामंजस्य बिठाकर आप जरूरत के समय धन की कमी की समस्या से बचे रह सकते हैं.
समय, श्रम और संसाधन की बचत
विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपके पास समय, श्रम और संसाधन का होना बेहद जरूरी है, लेकिन इनका सदुपयोग ही आपको सफलता की ओर ले जा सकता है. ऐसे में अधिक से अधिक समय का बचत कर उसे रचनात्मक या अजीविका विस्तार में खर्च करना उपयोगी होगा. श्रम का सर्वोत्तम उपयोग आपके प्रदर्शन में निखार लाएगा और काम करने के लिए जरूरी संसाधनों को व्यर्थ गंवाने के बजाय बचत कर इस्तेमाल किया जाना आपकी अजीविका और आर्थिकी में वृद्धि करेगा.
बचत, खर्च की प्लानिंग
कामकाजी या कारोबारी वर्ग के धन अर्जन के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन बचत में एकरूपता संभव है. यूं कहें कि खर्च की प्लानिंग एक जैसी हो सकती है. प्रयास हो कि हर माह होने वाली आपकी आय का 35 फीसदी हिस्सा बचत के तौर पर निकाला जा सके, लेकिन यह व्यवहारिक बनाने के लिए ठोस कार्ययोजनाएं बनानी होंगी. इसके लिए जानकारों का मत है कि सफल व्यक्तियों से जुड़े उनके अनुभव आपके लिए प्रेरणा और नई सोच के मददगार बन सकते हैं. जरूरी खर्चों के लिए मासिक बचत या नए निवेश के लिए कर्ज प्रबंधन से आपको आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
रिस्क के लिए रेडी रहें
भारतीय समाज में परिवारों की आजीविका से कमाया गया बड़ा हिस्सा रोजाना की दिनचर्या को ही बेहतर ढंग से नियमित करने में खर्च हो जाता है, ऐसे में किसी बड़े कारोबार, निवेश या खर्च के लिए रकम जुटाना मुश्किल काम होता है, ऐसे में रिस्क उठाना बेहतर विकल्प हो सकता है. जानकार मानते हैं कि इस तरीके से आपके प्रयासों में अधिकतम बढ़ोतरी और सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यह दांव सिर्फ उन्हीं मामलों में सर्वोत्तम हैं, जहां आपकी क्षमता आपको ऐसा करने की इजाजत दे, यानी ऐसी योजनाओं या व्यवस्थाओं में धन, श्रम या समय के निवेश का रिस्क लें, जहां सफलता का प्रतिशत पूर्व के मामलों में पचास फीसदी से अधिक पाया गया हो. ऐसी युक्तियों से आपके पास भविष्य की जरूरतों के लिए धन, समय और संसाधन की कमी शायद ही आए.
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