ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैशाख का महीना बुधवार, 28 अप्रैल 2021 से आरंभ हो चुका है. यह माह 23 मई 2021 तक रहेगा. इस माह में वनस्पति तेलों के सेवन की मनाही बताई गई है. इस माह में तेल से बनी तरकारी और पकवानों को नहीं खाना चाहिए. ऐसा करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.


वर्तमान संक्रमणकारी परिस्थितियों में इसका पालन और अधिक गंभीरता से किया जाना चाहिए. तेल का सिर्फ सेवन ही निषेध नहीं किया है बल्कि तेल मालिश इत्यादि को भी वैशाख में हानिप्रद बताया गया है. वनस्पति तेलों खासकर सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, तिल का तेल, अरंडी का तेल और सन फ्लॉवर ऑयल के प्रयोग से बचना चाहिए. ये गरिष्ठ भोजन की श्रेणी में भी गिने जाते हैं. तेल की जगह घी का प्रयोग भोजन पकाने में किया जाना चाहिए. घी को किसी भी माह में निषेध नहीं बताया गया है. गाय का घी तो अमृत के समान माना गया है.


चैते गुड़ वैशाखे तेल जेठे मिर्च, आषाढ़े बेल।
सावन साग भादो मही क्वांर करेला कार्तिक दही।।
अगहन जीरा पूस धना माघै मिश्री फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।।


इस माह में स्वास्थ्य लाभ के लिए बेल का सेवन करना चाहिए. बेल की चटनी और शर्बत इत्यादि को खाने से ग्रीष्म ऋतु में शीतलता प्राप्त होती है. बेल के पत्ते भगवान भोलेनाथ को अर्पित भी किए जाते हैं. वैशाख में ऐसे तेलों का त्याग किया जाता है जो बीज से निकलते हैं, नारियल तेल का सेवन इस माह में किया जा सकता है.