Samudra Manthan : देवताओं का तेज लौटाने को हुआ था समुद्र मंथन, जानिए रोचक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्वासा के श्राप से तेजहीन हो रहे देवताओं को बचाने के लिए समुद्रमंथन किया गया. इसमें 14 रत्न और पांच देवियां निकलीं.
Samudra Manthan : देवताओं और दानवों के साझा प्रयासों से सम्पन्न मंथन में जो पांच देवियां निकलीं, उसमें से सबसे पहले देवी लक्ष्मी का नाम आता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार दुर्वासा ऋषि शिव दर्शन को कैलाश जा रहे थे. तभी उन्हें देवराज इंद्र मिले. दुर्वासा ऋषि ने उन्हें विष्णु द्वारा दिया गया कमल आशीर्वाद के तौर पर दिया. मगर मद में चूर इंद्रदेव ने उस कमल का तिरस्कार कर दिया. यह देखकर ऋषि का क्रोध फूट पड़ा और उन्होंने इंद्र को श्रीहीन होने का श्राप दे डाला. नतीजा सभी देवता श्रीहीन और शक्तिहीन होने लगे. यह देखकर देव लोक में कोहराम मच गया. देवताओ का तेज लौटाने के लिए लक्ष्मी माता की खोज शुरू की गई. इसके लिए श्रीहरि विष्णु जी ने देवताओं को समुद्र मंथन का सुझाव दिया. मंथन में लक्ष्मी माता अमृत कलश के साथ वापस लौटीं और देवता एकबार फिर श्री प्राप्त कर सके. लक्ष्मी ने विष्णु जी का वरण किया. लक्ष्मी के अलावा चार और देवियां निकलीं, जिनकी पौराणिक कथाएं आगे चलकर कालांतर में बड़े बदलाव की साक्षी बनीं
रम्भा
समुद्र मंथन में अप्सरा रम्भा निकलीं. नृत्य में निपुण और बेहद खूबसरत रम्भा को इंद्रलोक में स्थान प्राप्त हुआ. वहां रम्भा ने देवताओं के मनोरंजन का जिम्मा अपने कंधों पर उठाया. रम्भा से एक बार ऋषि ने विश्वामित्र की तपस्या भंग करने की भी चेष्टा की थी.
वारुणी देवी
जल के देवता वरुण उनकी पत्नी का नाम है वारुणी देवी. पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान वरुण देव एक मात्र देवता थे जो दानवों की ओर थे. मंथन के दौरान एक बेहद दिव्य कन्या मदिरा के साथ आईं, जिनका नाम वारुणी था. वह मदिरा दानवों को मिली और वारुणी वरुण देव की पत्नी बनीं.
तारा
रम्भा के साथ ही समुद्र मंथन में एक और अप्सरा तारा निकलीं. समुद्र मंथन में इंद्र पुत्र बाली ने भी देवताओं की सहायता की थी. इसके परिणाम स्वरूप उसे यह वरदान मिला था कि वह जिससे भी युद्ध करेगा उसकी आधी शक्ति बालि को मिल जाएगी. उसे पत्नी के तौर पर तारा का साथ भी मिला.
रूमी
आपने रामायण में सुग्रीव की पत्नी के बारे पढ़ा होगा, जिसे बाली ने अपने बल के दम पर हरण कर लिया था. और उसी पत्नी और राज्य पर विजय पाने के लिए सुग्रीव ने राम की मदद ली थी. सुग्रीव के वह पत्नी रूमी समुद्र मंथन में निकली अप्सराओं में से एक थीं.
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