Chaitra Navratri 2021 4th Day Devi Kushmanda Puja: चैत्र शुक्ल पक्ष नवरात्रि 2021 का व्रतोत्सव पूरे भारतवर्ष में आस्था और श्रद्धा से मनाया जा रहा है. चैत्र नवरात्रि 2021 चतुर्थी को माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है.


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कूष्मांडा को सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है. समस्त सौरमंडल में वे निवास करती हैं. उस पर नियंत्रण रखती हैं. कहा जाता है कि मां कूष्मांडा ने ही ब्रहांड की रचना की थी. वे आदिशक्ति स्वरूपा हैं. मां के शरीर की कांति सूर्य सी स्वर्णिम है. इनके तेज से सभी दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं. 


मां कूष्मांडा का विग्रह अष्टभुजी है. उनके हाथों में कमल कमंडल कलश चक्र गदा धनुष बाण और जपमाला हैं. मां की सवारी सिंह है. 


शुक्ल पक्ष चतुर्थी को नियमित चर्या के उपरांत मां का ध्यान करें. उनके विग्रह की विधिवत पंचोपचार अथवा षोडशोपचार से पूजन करें. ध्यान रहे जितनी पूजा करें उसमें कम से कम त्रुटि हो. नवरात्रि 2021 पर्व शक्ति की साधना का पर्व है. इसमें साधक संकल्प और सामर्थ्य दोनों की परीक्षा होती है.


मां कुष्माण्डा पूजा मंत्र :

 

कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥

 

मां कूष्मांडा को धूप, गंध, अक्षत, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. हलवे और दही का प्रसाद चढ़ाएं.  मां कूष्मांडा की पूजा से रोगी निरोगी हो जाते हैं. साधक स्वास्थ्य और सौंदर्य को प्राप्त होते हैं.