Ancient History: गैलीलियो को किस खोज के लिए मिली इतनी कठोर सजा, मौत के 350 साल बाद आखिर क्यों मांगनी पड़ी माफी
Galileo Galilei Story: गैलीलियो गैलिली ने सबसे पहले बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है. लेकिन उनकी खोज और सत्य को रोम चर्च ने धार्मिक किताबों का अपमान माना, जिसके लिए उन्हें सजा दी गई.
Ancient History, Story of Galileo Galilei: गैलीलियो गैलीली 16वीं शताब्दी के महान इतालवी खगोलशास्त्री, भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे. उनका जन्म 15 फरवरी 1564 को इटली के पीसा में हुआ था. गैलीलियो द्वारा किए शोध पर खूब विरोध हुआ. उनपर नास्तिकता और पाखंड के आरोप भी लगाए गए. गैलीलियो के वैज्ञानिक शोध और खोज को रोम चर्च ने धार्मिक किताबों का अपमान माना और इसके लिए उन्हें सजा दी गई.
आज भले ही बच्चा-बच्चा यह जानता है कि पृथ्वी गोल है और यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है. लेकिन पहली बार गैलीलियो ने ही पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने की बात बताई थी. हालांकि आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि विज्ञान से जुड़े सत्य और सटीक पहलुओं की खोज करने वाले गैलीलियो को कई उत्पीड़न झेलने पड़े. गैलीलियो के सिद्धांत ‘पृथ्वी गतिमान है’ के कारण उन्हें सजा मिली. इसका कारण यह है कि उस समय के सिद्धांत में यह मान्य था कि ‘पृथ्वी स्थिर है और अन्य ग्रह-नक्षत्र उसके चारों ओर धूमते हैं.’
धर्म और शोध के बीच हार गए गैलीलियो
गैलीलियो विज्ञान से जुड़े ऐसे सत्य की खोज में निकले जिसमें धर्म गलत साबित हो गया और इस तरह से गैलीलियो धर्म और विज्ञान से जुड़े सत्य की खोज में हार गए. दरअसल बाइबल में लिखा था कि, पृथ्वी ही अंतरिक्ष का केंद्र है और सूर्य पृथ्वी के चारों ओर घूमता है. यह उस दौर की बात है जब लोगों के लिए तर्क-वितर्क और विज्ञान का खास अर्थ नहीं हुआ करता था. बाइबल में जो बात लिख दी गई, वही अंतिम और अटल सत्य हो गई.
लेकिन गैलीलियो ने अपनी खोज में पाया कि, सूर्य पृथ्वी के नहीं बल्कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है. ऐसे में अगर गैलीलियो सही साबित हो जाते तो, इसका मतलब यह होता है कि बाइबल में लिखी बात झूठ है. यानी पोप और पादरी जनमानस को बाइबल के माध्यम से जो बता रहे हैं, वो झूठ साबित हो जाती.
गैलीलियो की यही खोज रोमन चर्च और पादरियों को नागवार गुजरी. ऐसे में लोगों के सामने धर्म को सत्य साबित करने और विज्ञान को झूठ बताते के लिए गैलीलियो को गलत साबित करना जरूरी था, जिस कारण उन्हें सजा दिया जाना भी उतना ही जरूरी था, जोकि गैलीलियो को मिली.
गैलीलियो के डायलॉग का हुआ विरोध
गैलीलियो गैलिली ने द्वारा लिखी पुस्तक ‘द डायलॉग ऑफ टू द प्रिंसिपल सिस्टम ऑफ द वर्ल्ड’ में उन्होंने यह दावा किया था कि, पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है. गैलीलियो का यह दावा रोम चर्च को गलत लगी और उनपर मुकदमा चलाया गया. हालांकि गैलीलियो अपने दावे पर अड़े रहे, इसके लिए उन्हें जेल में डाल दिया गया.
ताउम्र नजरबंद रहे गैलीलियोगैलीलियो ने बाद में अपनी द्वारा लिखी गई बातों के लिए चर्च से माफी मांगी, जिसके बाद उनकी सजा कम कर दी गई. हालांकि गैलीलियो को घर पर ही नजरबंद कर दिया गया. इतना ही नहीं उनकी किताब को भी प्रकाशित होने से भी रोक दिया गया. नजरबंद रहते हुए ही 8 जनवरी 1642 को गैलीलियो की मौत हो गई.
गैलीलियो के मौत के लगभग 350 साल बाद पोप जॉन पॉल ने यह माना कि गैलीलियो के शोध सही थे और चर्च गलत. बेहतरीन गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के तौर पर आज भी गैलीलियो को पूरी दुनिया याद करती है.
गैलीलियो गैलिली के शोध और आविष्कार
- टेलिस्कोप के आविष्कार के लिए गैलीलियो दुनियाभर में प्रसिद्ध हुए.
- गैलीलियो ने लगभग 200 टेलिस्कोप बनाएं और उन्हें विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को खगोलीय प्रेक्षणों के लिए दान कर दिया.
- पहली बार गैलीलियो ने ही बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के 4 चंद्रमाओं का पता लगाया.
- गैलीलियो ने सबसे पहले सूर्य के धब्बों और शुक्र ग्रह की कलाओं (Phases of Venus) को देखा. उन्होंने इस पर शोध किए और निष्कर्ष निकला कि सभी ग्रह, सूर्य की परिक्रमा करते हैं.
- गेलिलियो गैलिली ने अपने समय में ही गणित, सैधांतिक भौतिकी और प्रायोगिक भौतिकी में परस्पर संबध को समझ लियाथा.
- 1608-09 में गैलीलियो को दूरबीन की बात पता चली थी, जिसका आविष्कार हॉलैड में हो चुका था. इसके बाद गैलीलियो ने केवल उस दूरबीन का विवरण सुनकर ही उससे अधिक शक्तिशाली और परिष्कृत दूरबीन बना ली. 25 अगस्त 1609 में इस दूरबीन का गैलीलियो ने सार्वजनिक प्रदर्शन किया था.
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