नई दिल्ली: दो सितंबर को देश भर में गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाएगा. भगवान गणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य माना गया है. भगवान गणेश को बुद्धिमत्ता और समृद्धि का देवता माना जाता है, उन्हें विघ्नहर्ता का दर्जा दिया जाता है. वैसे तो गणेश चतुर्थी को पवित्र दिन माना जाता है, लेकिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन चांद देखना अशुभ माना जाता है.
एक पौराणिक कथा में बताया गया है कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश ने चांद को श्राप दिया था. श्राप के मुताबिक, गणेश ने कहा था आज के दिन जो भी चांद देखेगा उस पर कलंक लगेगा. अगर आप भी गणपति की स्थापना करने वाले हैं तो इस दिन बिल्कुल भी चांद ना देखें.
कथाओं में कहा गया है कि ये श्राप गणपति ने चांद को इसीलिए दिया था क्योंकि चांद अपनी खूबसूरती के दंभ में उनकी सूंड देखकर हंस पड़े थे. इतना ही नहीं, कृष्ण पर भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चांद देखने के कारण मणि चोरी करने का कलंक लगा था. इसके अलावा अगर आप गणपति की स्थापना कर रहे हैं तो गणपति की सुबह-शाम सेवा करें. शाम को आरती करें और भगवान को फल-फूल भेंट चढ़ाएं.
बता दें कि हिंदू मान्यता के अनुसार भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसी दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इन दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:04 मिनट से 01:37 मिनट है. गणेश चतुर्थी को शिवा चतुर्थी और कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है.
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