Mahabharat: महाभारत का युद्ध जीतने के लिए युधिष्ठिर ने की थी गणेश जी की पूजा, श्रीकृष्ण ने बताया था महत्व
Mahabharat Katha: गणेश चतुर्थी के महत्व का महाभारत की कथा में भी वर्णन किया गया है. स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान गणेश जी पूजा की थी. महाभारत का युद्ध जीतने के लिए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को गणेश जी की पूजा करने के लिए कहा था. श्रीकृष्ण की आज्ञा पाकर युधिष्ठिर ने विधि पूर्वक गणेश जी की पूजा की थी.
Mahabharat In Hindi: गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम देवता माना गया है. 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व है. इस दिन को भगवान गणेश जी की जंयती के रूप में मनाते हैं. गणेश जी को विद्या और बुद्धि का दाता माना गया है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व भगवान गणेश जी की स्तुति अति शुभफलदायी मानी गई.
मान्यता है कि किसी कार्य से पूर्व भगवान गणेश जी की पूजा करने और ध्यान करने से कार्य में आने वाली बाधा समाप्त हो जाती है. क्योंकि गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है. महाभारत महाकाव्य की रचना गणेश जी ने ही महर्षि वेद व्यास जी के कहने पर की थी.
महाभारत की कथा में भी भगवान गणेश जी का वर्णन आता है. महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था. कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. ये बेहद भयंकर और विनाशकारी युद्ध था. जिसमें कौरवों का सर्वत्र नष्ट हो गया था.
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए. एक बार श्रीकृष्ण ने चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन कर लिया जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपमान और अपयश सहना पड़ा. इस संकट से बचने के लिए श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा और गणेश जी की पूजा की थी. तब वे इस संकट से मुक्त हुए. भगवान श्रीकृष्ण गणेश पूजा का महत्व जानते थे, इसलिए जब महाभारत का युद्ध आरंभ हुआ तो श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को गणेश पूजा का महामात्य समझाया. श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है. धन, पुत्र, सौभाग्य और विजय प्राप्त करता है. युधिष्ठिर ने ऐसा ही किया और महाभारत का युद्ध जीता.
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