Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें चंद्र दर्शन, लगता है कलंक? पढ़ें इसके पीछे की पौराणिक कथा
Ganesh Chaturthi 2021: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना गया है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन से झूठे कलंक लगते हैं.
Ganesh Chaturthi 2021: हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार, भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि यदि आपने गणेश चतुर्थी को अर्थात भादो के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चांद का दर्शन कर लिया तो आप पर झूठे आरोप लगेंगे अर्थात झूठे कलंक लगने की मान्यता है. एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन कर लिया था, तो उन पर स्यामंतक मणि चोरी करने का मिथ्या कलंक लगा था.
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी है और यह 10 सितंबर 2021 को पड़ रही है. इस दिन लोगों को भूल से भी चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए. आइये जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा.
गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन न करने के पीछे की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीगणेश जी माता पार्वती के आदेशानुसार घर के मुख्य द्वार पर पहरा दे रहे थे. तभी भगवान शिव वहां आए और अंदर जाने लगे. इस पर गणेश भगवान ने मनाकर दिया और उन्हें घर के अंदर जाने से रोक दिया. तब महादेव ने गुस्से में आकर भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया.
इतने पर देवी माता पार्वती जी वहां आ गईं. उन्होंने भगवान शिव जी से कहा कि यह आपने क्या अनर्थ कर दिया, ये तो पुत्र गणेश हैं. आप इन्हें पुनः जीवित करें. तब भगवान शिव ने गणेश जी को गजानन मुख देकर नया जीवन दिया. इस पर सभी देवता गजानन को आशीर्वाद दे रहे थे, परंतु चंद्र देव इन्हें देखकर मुस्करा रहे थे. चंद्रदेव का यह उपहास गणेश जी को अच्छा न लगा और वे क्रोध में आकर चंद्रदेव को हमेशा के लिए काले होने का शाप दे दिया. श्राप के प्रभाव से चंद्र देव की सुंदरता खत्म हो गई और वे काले हो गए. तब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी. तब गणपति ने कहा कि अब आप पूरे माह में केवल एक बार अपनी पूर्ण कलाओं में आ सकेंगे. यही कारण है कि पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं से युक्त होते हैं.