Ganesh Chaturthi 2022: गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया कह कर जब हम अपने घर में श्री गणेश को स्थापित करते हैं तो उन से यही कामना करते हैं कि हमारे जीवन की सभी समस्याओं को बहुत दूर करें और हमारे जीवन में मंगल ही मंगल लेकर आएं. इस बार भी ऐसा ही हो रहा है. बुधवार 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी का महान पर्व मनाया जाएगा, जिस दिन गणपति स्थापित करने का सबसे शुभ दिन माना जाता है.
गणेश मध्यान पूजा मुहूर्त
यदि आप गणेश जी की मध्यान्ह पूजा करना चाहते हैं और अपने घर में गणपति स्थापित करना चाहते हैं तो नई दिल्ली के समय अनुसार आपको प्रातः काल 11:05 से अपराहन 1:36 के बीच गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और उन्हें स्थापित करना चाहिए.
इस प्रकार 31 अगस्त से शुरू करके 9 सितंबर 2022 तक अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाना चाहिए.
गणेश विसर्जन मुहूर्त
यदि आप गणेश चतुर्थी पर ही गणेश विसर्जन करना चाहते हैं तो आपके लिए शुभ समय 31 अगस्त बुधवार को दोपहर 3:34 से 6:44 तक रहेगा और उसके बाद रात्रि 8:10 से 12:23 तक रहेगा.
यदि आप डेढ़ दिन के बाद गणेश विसर्जन करना चाहते हैं तो इसके लिए शुभ समय 1 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार के दिन दोपहर 12:22 से लेकर 3:32 पीएम तक रहेगा और उसके बाद शाम को 5:07 से 6:45 तक अच्छा समय रहेगा.
तीसरे दिन गणेश विसर्जन का शुभ समय 2 सितंबर 2022 को प्रातः 5:59 से 10:43 शाम को 5:07 से 6:42 तक रहेगा.
यदि 5 दिन के गणेश जी का विसर्जन करना चाहते हैं तो 4 सितंबर रविवार को सुबह 7:34 से लेकर 12:19 तक दोपहर में 1:56 से 3:31 तक और शाम को 6:40 से 10:55 तक विसर्जन कर सकते हैं.
यदि सातवें दिन गणेश विसर्जन करना चाहे तो 6 सितंबर मंगलवार को प्रातः काल 9:11 से 1:55 दोपहर 3:29 से 5:04 और शाम को 8:03 से 9:28 के बीच विसर्जन किया जा सकता है.
यदि आप अपने घर गणपति को स्थापित करते हैं तो गणपति का विसर्जन शुक्रवार 9 सितंबर 2022 को विशेष चौघड़िया मुहूर्त में गणपति विसर्जन करना चाहिए.
गणपति विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त निम्न प्रकार रहेंगे:-
- प्रातः काल मुहूर्त रहेगा 6:05 से 10:45 तक इसमें चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया आपको मिलेंगे.
- इसके बाद अपरान मुहूर्त शाम के 5:00 बजे से 6:31 तक चर का चौघड़िया रहेगा.
- अगर अपराह्न मुहूर्त चाहते हैं तो शुभ के चौघड़िए में दोपहर 12:18 से 1:52 तक विसर्जन किया जा सकता है.
- रात्रि मुहूर्त के अनुसार 9:00 बज कर 26 मिनट से 10:52 तक रात्रि में लाभ के चौघड़िए में भी विसर्जन कर सकते हैं.
- यदि रात्रि काल में शुभ अमृत और चार के चौघड़िया में आगे सर्जन करना चाहे तो 12:19 से 4:36 तक 10 सितंबर को विसर्जन कर सकते हैं.
- सबसे शुभ मुहूर्त प्रात: और अपराह्न के रहेंगे.
इस बार गणेश जी बनाएंगे अत्यंत शुभ योग
गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और गणपति पूजा के नाम से भी जाना जाता है. पहले यह पर्व महाराष्ट्र का विशेष पर्व माना जाता था लेकिन अब धीरे-धीरे संपूर्ण भारत में गणेशोत्सव मनाए जाने की परंपरा चल पड़ी है और सभी लोग अपने घर अपने स्थिति के अनुसार गणपति बिठाते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें मनाते हैं और उसके बाद उचित समय पर गणपति विसर्जन करते हैं. विभिन्न स्थानों पर इसे कलंक चतुर्थी और डंडा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने गणेश जी का अवतरण कराया था.
गणेशोत्सव का पहला दिन भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना जाता है और इसी दिन गणेश जी की स्थापना की जाती है.
भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को बुधवार का दिन, जो कि गणेश जी का विशेष दिन होता है, चित्रा नक्षत्र में शुक्ल योग रहेगा और सूर्य सिंह राशि में उपस्थित रहेंगे. इस दिन चंद्रमा दोपहर 12:04 तक कन्या राशि में और उसके बाद तुला राशि में प्रवेश करेंगे. इस पूरे दिन चित्रा नक्षत्र उपस्थित रहेगा.
इस दिन विशेष संयोग बन रहे हैं जिनमें प्रातः काल 5:58 से लेकर रात्रि 12:12 तक रवि योग रहेगा.
इसी दिन दोपहर 2:19 से 3:30 तक विजय मुहूर्त रहेगा, जो किसी भी काम में विजय दिलाने वाला होता है.
गणेश चतुर्थी के अगले दिन 1 सितंबर को ऋषि पंचमी का उत्सव मनाया जाएगा. उसके बाद 3 सितंबर शनिवार को ललिता सप्तमी, दुर्गा अष्टमी और महालक्ष्मी व्रत का आरंभ होगा.
4 सितंबर रविवार को राधा अष्टमी का महान पर्व मनाया जाएगा. तत्पश्चात् भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए 6 सितंबर को परिवर्तीनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
इसके बाद 7 सितंबर बुधवार को भगवान विष्णु के महान अवतार वामन जी की जयंती और वैष्णवों की परिवर्तन एकादशी मनाई जाएगी.
8 सितंबर 2022 गुरुवार के दिन भगवान गणेश के माता पिता भगवान शंकर जी और माता पार्वती जी की पूजा की जाएगी. इस दिल पर प्रदोष व्रत होगा. उसके बाद 9 सितंबर 2022 गणेश विसर्जन के दिन अनंत चतुर्दशी का शुभ दिन रहेगा.
ज्योतिषीय आधार पर देखें तो गणेश चतुर्थी के दिन बृहस्पति मीन राशि में, सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में और शनि मकर राशि में होंगे. ये चार ग्रह अपनी राशियों में होने से सभी के लिए सुख शांति प्रदान सकते हैं.
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