Ganesh Chaturthi 2022 Chandradarshan: पंचांग के मुताबिक गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भाद्रपद मास (भादो मास) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसी दिन से गणेश महोत्सव की शुरुआत होती है. कहा जाता है कि इस दिन यानी गणेश चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है. यदि किसी ने भूलवश गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन कर लिया है तो उसे इस दोष से मुक्ति के लिए यह उपाय करने चाहिए.
गणेश चतुर्थी पर क्यों नही करते हैं चंद्रदर्शन ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती के आदेश पर गणेश जी मुख्य द्वार पर पहरा दे रहे थे. उसी समय भगवान शिव आये और अंदर जाने लगे, तो गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. भगवान शिव के बार-बार समझाने के बाद भी जब गणेश जी नहीं माने तो भगवान शिव ने गुस्से से गणेश जी का सिर काट दिया. तब तक माता पार्वती वहां आ गई.
माता पार्वती ने शिव जी को बताया कि ये पुत्र गणेश हैं. आप इन्हें पुनः जीवित करें. तब शिव जी ने गणेश जी को गजानन मुख प्रदान कर जीवन दान दिया. इन्हें दोबारा जीवन पाने पर सभी देवता आशीर्वाद दे रहे थे. तो वहां मौजूद चंद्र देव खड़े होकर मुस्करा रहे थे. तब गणेश जी समझे कि ये चंद्रदेव उनके गजानन मुख को देखकर हंसी उड़ा रहें हैं. तब गणेश जी ने नाराज होकर चंद्र देव को श्राप दे दिया कि तुम हमेशा के लिए काले हो जाओगे. गणेश जी के इस श्राप से चंद्र देव काले हो गए.
तब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश जी से क्षमा याचना की. तब गणपति ने कहा कि अब आप पूरे मास में केवल एक बार अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होंगे. इस वजह से ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं से युक्त होते हैं.
चंद्र दर्शन के दोष से मुक्ति का उपाय
कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन यदि भूलवश भी चंद्रमा को देख लिया है तो उस पर गलत आरोप यानी झूठा कलंक लग सकता है. इस दोष से मुक्ति के लिए श्रीकृष्ण जी से संबंधित स्यामंतक मणि के चोरी होने की कथा को पढ़ें या सुनें. मान्यता है ऐसा करने से कोई झूठा आरोप नहीं लगाएगा.
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