Lalbaugcha Raja: गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म (Hindu Dharm) का प्रमुख त्योहार है, जिसे भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है और 17 सितंबर 2024 को इसका समापन होगा.


गणेश चतुर्थी का उत्सव (Ganesh Utsav) पूरे 10 दिनों तक चलता है और विशेषकर महाराष्ट (Maharashtra) में इसकी धूम व भव्यता देखने को मिलती है. 10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान महाराष्ट में मुंबई में भगवान गणेश के विभिन्न पंडाल तैयार किए जाते हैं, जिसमें सेंट्रल मुंबई का लालबाग बाजार में लालबाग पुलिस स्टेशन के पास ‘लालबागचा राजा’ बहुत प्रसिद्ध है.


लालबागचा राजा के नवसाचा गणपति का इतिहास (Lalbaugcha Raja Navsacha Ganpati History)


लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में हुई थी. यह मुंबई के लालबाग, परेल क्षेत्र में स्थित है. यह गणेश मंडल अपने 10 दिनों के उत्सव के दौरान लाखों लोगों को आकर्षित करता है. इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ (Navsacha Ganpati) कहते हैं, जिसका अर्थ होता है इच्छाओं को पूर्ण करने वाले गणपति. हर साल दर्शन के लिए यहां लगभग 5 किलोमीटर लंबी कतार लगती है. लालबाग के गणेश की मूर्ति का विसर्जन दसवें दिन गिरगांव चौपाटी में होता है.


मंडल का गठन उस समय हुआ जब स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था. लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए ‘सार्वजनिक गणेशोत्सव’ को माध्यम बनाया था. यहां धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा होती थी. मुंबई में गणेश उत्सव के दौरान सभी की नजर ‘लालबाग के राजा’ पर होती है, जिन्हें ‘मन्नतों का गणेश’ भी कहा जाता है.


लालबागचा राजा को कैसे मिली प्रसिद्धि ?


यह मंडल स्थानीय मछवारों ने शुरु किया था. कई लोगों की मनौती (मन्नतें) यहां पूरी हुईं तो भीड़ बढ़ने लगी. एक और करण है "मुंबई का राजा" अथवा "गणेश गल्ली" वाले गणपति के पड़ोस में होना. लालबागचा राजा के बाजू में स्थित हैं पूरे मुंबई के राजा जिसे हम "गणेश गल्ली गणपति" भी कहते हैं. गणेश गल्ली में कभी कभी कतार इतनी बढ़ जाती थी कि वो लालबाग के राजा तक पहुंच जाती थी और फिर लोग "लालबागचा राजा गणपती" में भी जाने लगे और वहां भी लंबी कतारे लगने लगी.


कई लोगों की मन्नते पूरी होने लगी. इस तरह प्रसिद्धि के बाद लोग यहां विदेश से भी आने लगें. बाद मे 2001 के बाद समाचारों में भी जोर शोर से इसे दिखाया जाने लगा और लालबागचा खबरों में भी सुर्खियों में आने लगे. इसके बाद बड़े-बड़े नेता, उद्योगपति, बॉलीवुड, क्रिकेटर, समाज-सेवक आदि भी यहां दर्शन के लिए आने लगे. माना जाता है की सच्चे दिल से अगर लालबागचा राजा का दर्शन करते हैं तो मन्नत जरूर पूर्ण होती है.


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