Ganesh Utsav 2024: गणेश उत्सव का पर्व इस समय पूरे देश में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हर वर्ष गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) का पव भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि गणेश चतुर्थी से शुरु होकर अनंत चतुर्थी तक चलता है. इस खास मौके पर जानते हैं कि आखिर प्रथम पूज्यनीय भगवान गणेश का वाहन चूहा यानि मूषक कैसे बना.


एक बार अपने पिता भोलेनाथ (Bholenath) से नाराज होकर गणेश जी (Ganesh Ji) अपने वाहन की तलाश में निकल पड़े. गणेश जी को रास्ते में ऋषि पराशर मिले, जो एक मूषकराज के आतंक से परेशान थे, और गणेश जी से मदद मांगी. तब भगवान गणेश ने उत्पाती चूहे को सबक सिखाने के लिए पाश फेंका जिसमें चूहा फंस गया और गणेश जी से क्षमा मांगने लगा. गणेश जी भी अपने वाहन की तलाश में थे, तो गणेश जी ने मूषकराज को माफ किया और उन्हें अपना वाहन बना लिया. ऐसे मूषक गणेश जी की सवारी बन गए.


भगवान गणेशजी कमजोर और दुर्बलों पर अपनी  कृपा बनाते हैं, इसी कारण उन्होंने मूषक महाराज को अपने वाहन के रूप में चुन लिया. इतना ही नहीं छोटे से मूषक को गणेशजी ने ही ताकतवर बनाया जिससे वह भार उठा सकते है. इस बात से यह सीख मिलती है कि हमें किसी को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए हर किसी में अपनी ताकत और भरपूर क्षमताएं हैं.


गणेश जी का वाहन किसी भी चीज को पार करने की क्षमता का प्रतीक है. चूहे और हाथी की तरह, गणेश बाधाओं को दूर करने वाले हैं, विघ्नहर्ता है. इसीलिए यह 10 दिवसीय त्योहार गणेश चतुर्थी उन्हें समर्पित है.


ये भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के पहले दिन चंद्र और अंतिम दिन सूर्य ग्रहण का साया, क्या श्राद्ध या पिंडदान पर पड़ेगा असर







Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.