Ganesh Chaturthi 2024 Date: हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में भगवान गणेश (Lord Ganesh) को ज्ञान, बुद्धि, सुख-समृद्धि और सौभाग्य का देवता कहा जाता है. भगवान गणेश को कई गजानन, बप्पा, गणपति, एकदंत, गजानन, वक्रतुंड, सिद्धि विनायक (Siddhi Vinayak) आदि समेत नामों से भी जाना जाता है.

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश को समर्पित हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण और बड़ा पर्व है, जिसे देशभर में मनाया जाता है. लेकिन खाकर महाराष्ट्र (Maharashtra) में इसकी अधिक लोकप्रियता है. गणेश चतुर्थी पर बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है और 10 दिनों बाद विसर्जन कर बप्पा को विदा किया जात है. आइये जानते हैं इस साल 2024 में गणेश चतुर्दशी की शुरुआत और समाप्ति कब हो रही है.

2024 में कब है गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 Kab hai)

पंचांग (Panchang) के अनुसार गणेश चतुर्थी त्योहार शुभारंभ भाद्रपद महीने (Bhado Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है और चतुर्दशी के दिन इसकी समाप्ति होती है. पूरे 10 दिनों तक भक्तगण धूमधाम से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) मनाते हैं.

बता दें कि हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) के अगले दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाती है और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2024) पर इसकी समाप्ति होती है. दस दिवसीय गणेश चतुर्थी की शुरुआत इस वर्ष 7 सितंबर 2024 से होगी, जिसका समापन 17 सितंबर को होगा. इसी दिन विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2024) भी होती है.

गणेश चतुर्थी 2024 मुहूर्त (Ganesh Chaurthi 2024 Muhurat)

गणेश चतुर्थी    शनिवार, 7 सितंबर 2024
चतुर्थी तिथि प्रारंभ   शुक्रवार दोपहर 3:01
चतुर्थी तिथि समाप्त  शनिवार 7 सितंबर शाम 05:37
गणेश चतुर्थी पूजा का समय   7 सितंबर सुबह 11:03 से दोपहर 01:34 तक
गणेश विसर्जन   मंगलवार, 17 सितंबर 2024

महाराष्ट्र में क्यों लोकप्रिय है गणेश उत्सव (Ganesh Utsav Celebration in Mumbai Maharashtra)

गणेश उत्सव का महाराष्ट्र में सबसे अधिक इसलिए लोकप्रिय है, क्योंकि इसकी उत्पत्ति मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) से जुड़ी है. कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) ने अपनी प्रजा में राष्ट्रवाद और एकता को बढ़ावा देने के लिए गणेश उत्सव मनाने की शुरुआत की थी.

हालांकि ब्रिटिश काल (British Era) में इसे अधिक लोकप्रियता मिली. जब लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) ने इस उत्सव के जरिए लोगों को एक साथ लाने और स्वतंत्रता (Independence) की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित करने का माध्यम बनाया. इसलिए गणेश चतुर्थी का पर्व आध्यात्मिकता के साथ ही सांस्कृति और सामाजिक रूप से भी महत्व रखता है.

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