नई दिल्ली: इस बार देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसी दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इन दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:04 मिनट से 01:37 मिनट है. गणेश चतुर्थी को शिवा चतुर्थी और कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है.


देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र गणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य माना जाता है. गणेश को करीब 108 नाम दिए गए हैं. जगह बदलने के साथ उनके नाम भी बदल जाते हैं लेकिन प्यार से गणपति या विनायक हर जगह बुलाया जाता है.


10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदुओं के कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है, जो कि अगस्त या सितंबर में पड़ता है. पर्व की शुरुआत चौथे दिन यानि की शुक्ल चतुर्थी के दिन से होती है. उन्हें इस मौके पर विघ्नहर्ता का दर्जा दिया जाता है और ये कामना की जाती है कि बुद्धिमत्ता और समृद्धि के भगवान गणेश सभी परेशानियों को दूर कर देंगे.


भारत में महाराष्ट्र में इस पर्व का विशाल रूप से आयोजन किया जाता है और इस मौके पर खूबसूरत रंगबिरंगे पंडालों को 10 दिनों तक सजाया जाता है. गणेश चतुर्थी का पर्व भारत में शुरू ज़रूर हुआ लेकिन केवल भारत तक सीमित नहीं है. इसे पड़ोसी देश चीन और नेपाल में भी मनाया जाता है. इसी के साथ थाईलैंड, अफ़ग़ानिस्तान और इंडोनेशिया में भी गणेश चतुर्थी का आयोजन होता है.


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